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Tula Sankranti 2023 : जानें आश्विन माह में कब है तुला संक्रांति, क्या है इस दिन की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त?

Tula Sankranti 2023 : हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तुला संक्रांति पड़ रही है.

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Mohit Tiwari
Tula Sankranti 2023 : जानें आश्विन माह में कब है तुला संक्रांति, क्या है इस दिन की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त?

Tula Sankranti 2023 : तुला संक्रांति को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. सनातन धर्म में संक्रांति तिथि पापों से मुक्ति प्रदान करने वाली होती है. इस दिन गंगा स्नान और पूजा, जप व तप के साथ ही दान किया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार संक्रांति तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने से अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही पूजा के बाद दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है.

कब है तुला संक्रांति?

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 में आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तुला संक्रांति है. इस साल 18 अक्टूबर को तुला संक्रांति पड़ रही है. इस दिन पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 06 मिनट तक रहेगी. इस अवधि में पूजा, जप, तप और दान करना चाहिए. इस दिन माह पुण्य काल सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 08 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इस दिन पूजा और दान करने से सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है.

क्यों पड़ती है तुला संक्रांति?

ज्योतिष पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को देर रात 01 बजकर 29 मिनट पर सूर्य देव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे. इस दौरान 24 अक्टूबर को स्वाति और 07 नवंबर को विशाखा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. इस बाद सूर्य 17 नवंबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे.

तुला संक्रांति पर कैसे करें पूजा?

तुला संक्रांति तिथि पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें. इसके बाद दैनिक कार्यों से निवृत्त हों. इसके बाद पवित्र नदी में स्नान करें. अगर पवित्र नदी आसपास नहीं है तो आप गंगाजल युक्त पानी से भी स्नान कर सकते हैं. इसके बाद एक लोटे में जल लें और आचमन करके पीले रंग के वस्त्र धारण करें. अब काले तिल मिश्रित जल में हल्की सी कुमकुम मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करें.  इसके साथ ही 'एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर।।' मंत्र का जाप करें. इसके बाद भगवान श्रीहरिविष्णु की पूजा विधि-विधान से करें. पूजा के समय सूर्य चालीसा और सूर्य कवच का पाठ करें. इसके साथ ही अपनी जन्मकुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए सूर्य मंत्र का जाप करें. इसके बाद दान करें.  

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.