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Diwali 2025: दिवाली के दिन जरूर करें मां लक्ष्मी के भाई की पूजा, मिलेगा चमत्कारी लाभ और सुख-शांति का आशीर्वाद!

Shankh Puja Importance: दिवाली खुशियों और समृद्धि का पर्व है, जिसमें देवी लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है. क्या आप जानते हैं कि दिवाली की रात दक्षिणावर्ती शंख की पूजा करने से दुर्भाग्य दूर होता है? यह शंख लक्ष्मी को आकर्षित करता है और घर में धन, शांति व सुख लाता है.

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Edited By: Princy Sharma
Diwali 2025
Courtesy: Pinterest

Diwali 2025: दिवाली का त्योहार खुशियों और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है और इस अवसर पर देवी लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिवाली की रात एक खास शंख की पूजा से आपका भाग्य बदल सकता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं दक्षिणावर्ती शंख की, जो न केवल आपके घर में लक्ष्मी का वास सुनिश्चित करता है, बल्कि धन, समृद्धि और सुख-शांति का भी कारण बनता है.   

यह शंख समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ माना जाता है और इसे देवी लक्ष्मी का भाई माना गया है. यह शंख पूजा में विशेष स्थान रखता है क्योंकि यह घर में लक्ष्मी के स्थिर वास का प्रतीक है. खास बात यह है कि इसे बजाने के बजाय पूजा में रखा जाता है, ताकि देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो सके. दक्षिणावर्ती शंख का मुख दाईं दिशा में खुलता है, जो तंत्र शास्त्र में अत्यधिक पवित्र और शुभ माना जाता है. इसकी पूजा करने से घर में दरिद्रता का नाश होता है और समृद्धि का वास होता है.

दक्षिणावर्ती शंख के फायदे

  • धन और समृद्धि – यह शंख घर में सुख-समृद्धि लाता है और कभी भी धन की कमी नहीं होने देता.
  • यश और सम्मान – इसके पूजन से व्यक्ति को समाज में यश और सम्मान मिलता है.
  • संतान सुख – यह शंख संतान सुख देने वाला भी है, विशेषकर बांझपन से मुक्ति पाने के लिए.
  • शत्रु और सर्प भय – शंख का नियमित पूजन शत्रु भय और सर्प भय से मुक्ति दिलाता है.
  • आयु वृद्धि – यह शंख दीर्घायु का आशीर्वाद देता है और व्यक्ति की उम्र बढ़ाता है.

दक्षिणावर्ती शंख की पूजा विधि

दिवाली पर इस शंख की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है. पूजा की विधि भी बेहद सरल है:

  • शंख का शुद्धिकरण – पहले शंख को गंगाजल से शुद्ध करें और फिर इसे लाल कपड़े पर रखें.
  • मंत्र जाप – शंख के पास बैठकर 'ऊँ श्री लक्ष्मी सहोदराय नमः' का जाप करें. कम से कम पांच मालाएं जपें.
  • शंख में पूजा सामग्री रखें – अष्ट धातु का कुबेर यंत्र, नारियल, 11 गौमती चक्र, 11 कौड़ी और अन्य पूजा सामग्री शंख में रखें.
  • तिजोरी में रखें – पूजा के बाद शंख को लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी या धन स्थान में रखें.

सिद्ध पूजा प्रयोग

तंत्र शास्त्र के अनुसार, दिवाली से पूर्व शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को इस शंख की विशेष पूजा की जाती है. केसर से स्वस्तिक चिह्न बनाकर और स्फटिक माला से मंत्र "ॐ श्रीं ह्रीं दारिद्रय विनाशिन्ये धनधान्य समृद्धि देहि देहि नमः" का जाप करें. इस दौरान शंख में एक-एक अखंड चावल डालें और 30 दिन तक यह प्रयोग जारी रखें. पूजा के बाद शंख को सफेद कपड़े में लपेटकर अपने घर में रखें.

इस पूजा से घर में धन की वर्षा और सुख-शांति का वास होता है. खासकर दिवाली के दिन इस पूजा को करने से चमत्कारी परिणाम मिलते हैं और लक्ष्मी के आशीर्वाद से दरिद्रता का नाश होता है.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.