अगर आप रोज ऑफिस जाकर काम करते हैं और कई सारे लोगों के बीच रहते हैं तो आपने भी यह चीज देखी होगी. कई बार किसी इंसान या चीज को छूने पर अचानक करंट जैसा लगता है. हर दिन लोग इस समस्या से जूझते हैं लेकिन इसकी वजह नहीं समझ पाते. कुछ लोग इसकी वजह से ऑफिस के एसी को बताते हैं तो कुछ लोगों को लगता है कि ऑफिस के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से घिरे रहने की वजह से ऐसा होता है. हालांकि, इसकी असल वजह कुछ और ही है. अगर आप भी इससे दो-चार होते हैं और आपको इससे डर लगता है तो इस समस्या के बारे में जानना और इसके बारे में जागरूक रहना आपके लिए भी जरूरी है.
दरअसल, विज्ञान का सबसे बेसिक नियम बताता है कि दुनिया की हर छोटी से छोटी चीज भी अणु, परमाणु और फिर इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन से मिलकर बनी होती है. उदाहरण के लिए, पानी की एक छोटी सी बूंद में भी इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. इन्हीं की संख्या के आधार पर किसी उसका आवेश तय होता है. यानी किसी चीज पर चार्ज निगेटिव होगा या पॉजिटिव होगा, इसका फैसला इलेक्ट्रॉन की संख्या से होता है.
हर कण में पाया जाने वाला इलेक्ट्रॉन निगेटिव होता है, प्रोटॉन पॉजिटिव होता है और न्यूट्रॉन एकदम न्यूट्रल होता है. इलेक्ट्ऱॉन और प्रोटान की संख्या बराबर होने पर वह स्थिर अवस्था में होता है. यानी अगर किसी भी चीज या इंसान पर अगर इलेक्ट्रॉन की संख्या ज्यादा होगी तो उस पर निगेटिव चार्ज होगा और किसी भी दूसरी चीज के संपर्क में आने पर वह प्रोटान को अपनी ओर खींचेगा. अचानक इन प्रोटान का मूवमेंट होने पर उस सिरे पर करंट महसूस होता है. यानी अगर आपने किसी को अपनी उंगली से छुआ तो हो सकता है कि आपकी उंगली में करंट लगेगा.
यह करंट ज्यादा प्रभावी तब होता है जब मौसम में बदलाव होता है. उदाहरण के लिए सर्दियों के मौसम में नमी के साथ-साथ सूखापन होता है. ऐसी स्थिति में करंट लगने का चांस ज्यादा होता है. वहीं, दफ्तरों में एसी होने की वजह से तापमान ठंडा रहता है जिसके चलते करंट ज्यादा लगता है.
इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि कुछ-कुछ देर में अपने नंगे पैर को जमीन से छूने दें. ऐसा करने से आपके शरीर में इकट्ठा हुए इलेक्ट्रॉन जमीन में चले जाएंगे. अगर आपने जूते या चप्पल पहन रखे हों और उन्हें उतारने की स्थिति में न हों तो अपने हाथ को किसी दीवार से टच करें, इससे भी आपको करंट लगने की संभावना कम हो जाती है. हालांकि, ऐसे करंट का वोल्ट बहुत कम होता है तो करंट लगने पर भी आपको कोई नुकसान होने की आशंका बेहद कम है.