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Shimla child abuse: 10 साल की मासूम को डंडे से पीटता रहा डॉक्टर पिता, दर्शक बनी देखती रही मां, वीडियो में देखें हैवानियत

शिमला की खूबसूरत वादियों में एक दिल दहला देने वाली घटना ने लोगों को हैरान कर दिया है.  यहां एक डॉक्टर ने अपनी 10 साल की गोद ली हुई बेटी को डंडे से बेरहमी से पीटा. इस हैवानियत का वीडियो कैमरे में कैद हो गया.

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Edited By: Garima Singh
Shimla child abuse:
Courtesy: x

Shimla child abuse: शिमला की खूबसूरत वादियों में एक दिल दहला देने वाली घटना ने लोगों को हैरान कर दिया है.  यहां एक डॉक्टर ने अपनी 10 साल की गोद ली हुई बेटी को डंडे से बेरहमी से पीटा. इस हैवानियत का वीडियो कैमरे में कैद हो गया. यह घटना 14 जून को शिमला में उस समय हुई, जब यह परिवार अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था. 

पड़ोसी द्वारा रिकॉर्ड किए गए इस दर्दनाक वीडियो में बच्ची दर्द से चीखती हुई और कमरे के एक कोने में छिपने की कोशिश करती दिख रही है. वीडियो में डॉक्टर बिना किसी दया के बच्ची पर प्रहार करता नजर आता है. "डरी हुई बच्ची की चीखें और उसकी बेबसी देखकर दिल पसीज जाता है. वीडियो में एक महिला, जो बच्ची की माँ मानी जा रही है, निष्क्रिय रूप से इस क्रूरता को देखती रही, जबकि एक अन्य व्यक्ति ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन वह डॉक्टर के गुस्से को रोक नहीं सका. 

वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आया प्रसाशन 

इस भयावह दृश्य को देखने वाले पड़ोसी ने तुरंत वीडियो रिकॉर्ड कर बाल कल्याण अधिकारियों को सूचित किया. वीडियो के वायरल होने के बाद शिमला और चंडीगढ़ पुलिस ने फौरन कार्रवाई शुरू की. चंडीगढ़ प्रोटेक्शन फॉर चाइल्ड राइट्स की चेयरपर्सन शिप्रा बंसल ने इस मामले को "बेहद गंभीर" बताते हुए तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कहा, "ऐसी क्रूरता अस्वीकार्य है, और हम बच्ची की सुरक्षा और न्याय के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।" बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने भी इस मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी डॉक्टर और उनकी पत्नी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. बच्ची को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, और उसे मनोवैज्ञानिक सहायता सहित सभी आवश्यक मदद प्रदान की जा रही है. 

पुलिस और प्रशासन की सक्रियता

चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश पुलिस इस मामले में समन्वय के साथ काम कर रही हैं. अधिकारियों का कहना है कि बच्ची की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस बीच, बाल अधिकार संगठन बच्ची के पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा के लिए योजनाएं बना रहे है.