Jahangir Welcomed Britishers: अंग्रेजों ने भारत पर लगभग 200 सालों तक शासन किया. उनका आगमन व्यापार करने के उद्देश्य से हुआ था. लेकिन अपने बौद्धिक क्षमताओं और तिकड़मबाजी के कारण उन्होंने भारत को अपना गुलाम बना लिया. मुगल शासनकाल के दौरान अंग्रेज, इंडिया में आए थे. इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ से इजाजत लेकर कुछ व्यापारी जब भारत आए तो मुगलों ने उनका अतिथि की तरह स्वागत किया. अब सवाल ये है कि उस समय मुगल शासन की गद्दी पर कौन विराजमान था.
जहाँगीर ने इंग्लैंड से राजदूत बनकर आए हॉकिंस का जोरदार तरीके से स्वागत किया था. भारत की परंपरा के अनुसार जैसे अतिथियों का विशेष स्वागत किया जाता है ठीक उसी प्रकार उस समय कैप्टन हॉकिंस का स्वागत किया गया था.
हॉकिंस ने मुगल बादशाह से भारत में व्यापार करने की अनुमति मांगी. लेकिन जहाँगीर ने उसे इंडिया में बिजनेस करने की इजाजत नहीं दी. परिणामस्वरूप इंग्लैंड का राजदूत लौट गया.
6 साल बाद इंग्लैंड के व्यापारियों ने एक बार फिर से कोशिश की. साल था 1615 का जब इंग्लैंड से थॉमस रो दिल्ली के मुगल बादशाह जहाँगीर के दरबार में पेश हुआ. इस बार भी बादशाह ने इंग्लैंड के राजदूत का जोरदार तरीके से स्वागत किया गया.
इस बार जहाँगीर, अंग्रेजों को न नहीं कह पाए. थॉमस रो ने बादशाह से भारत में व्यापार करने के लिए ऐसा आग्रह किया कि जहाँगीर ने हामी भर दी. इसके बाद अंग्रेज आती है ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी खोलते हैं और धीरे-धीरे पूरे भारत को अपना गुलाम बना लेते हैं.