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India Daily

पिता की मौत होने पर मांगा वर्क फ्रॉम होम, बॉस बोला- 'आगे बढ़ो', IT कर्मचारी ने कॉर्पोरेट को किया बेनकाब

एक आईटी प्रोफेशनल ने रेडिट पर अपने पिता की मृत्यु के बाद कार्यस्थल से मिली असंवेदनशील प्रतिक्रिया को साझा किया. उसने बताया कि अंतिम संस्कार के बाद जब उसने अपनी माँ की देखभाल के लिए एक महीने का वर्क फ्रॉम होम मांगा, तो उसके मैनेजर ने इंकार कर दिया और फोन कॉल का जवाब तक नहीं दिया.

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Edited By: Yogita Tyagi
प्रतीकात्मक तस्वीर

एक भारतीय आईटी कर्मचारी की इमोशनल पोस्ट ने सोशल मीडिया पर लोगों को झकझोर कर रख दिया है. वायरल पोस्ट में कर्मचारी ने पिता के निधन के बाद कंपनी के गलत व्यवहार का जिक्र किया है. रेडिट पर शेयर इस अनुभव में कर्मचारी ने बताया कि कैसे ऑफिस से घर से काम करने की थोड़ी और मोहलत मांगने पर उसके मैनेजर ने उसे बेरुखी से जवाब दिया और फोन कॉल तक रिसीव नहीं किया.

कर्मचारी के अनुसार, उसके पिता की तबीयत बिगड़ने के बाद उसने 5 दिन की छुट्टी ली थी. पिता के निधन के बाद, उसने एक सप्ताह तक घर से काम करते हुए अंतिम संस्कार और पारिवारिक रीति-रिवाज निभाए. सब कुछ संभालने के बावजूद, जब उसने अपनी मां की देखभाल के लिए एक महीने की और वर्क फ्रॉम होम की अनुमति मांगी तो उसे मैनेजर ने सिरे से खारिज कर दिया.

आईटी कर्मचारी ने किया पोस्ट 

कर्मचारी ने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘मैंने क्लाइंट मैनेजर से एक और महीने के लिए घर से काम करने की अनुमति मांगी क्योंकि मेरी माँ अपने गृहनगर में अकेली हैं. उन्होंने बस इतना कहा, 'रीति-रिवाज पूरे करो और आगे बढ़ने की योजना बनाओ.' मतलब, ऑफिस वापस आओ.’ कर्मचारी का कहना है कि उसने बातचीत के लिए कॉल करने की भी कोशिश की, लेकिन उसका मैनेजर फोन उठाने को तैयार नहीं हुआ.

इंटरनेट पर वायरल हुई पोस्ट 

इस अनुभव ने उसे इतना आहत किया कि वह अपनी परेशानियों और भावनात्मक तनाव के समाधान के लिए रेडिट का सहारा लेने को मजबूर हुआ. उसने पूछा कि इस मुश्किल समय में कैसे अपने कर्तव्यों और काम के दबाव को संतुलित किया जाए. यह पोस्ट इंटरनेट पर वायरल हो गई और हजारों लोगों ने इस पर प्रतिक्रिया दी. अधिकतर यूजर्स ने कार्यस्थल में सहानुभूति की भारी कमी को लेकर गुस्सा जाहिर किया.

WFH request denied for my father's demise
byu/boombaa0 inIndianWorkplace

यूजर्स का आया ऐसा रिएक्शन 

एक यूजर ने लिखा, ‘आपके नुकसान के लिए दुख है. ऑफिस को सूचित करें, अनुमति की ज़रूरत नहीं है. इस समय परिवार को प्राथमिकता दें.’ दूसरे ने कहा, ‘यह अमानवीय है. मैंने आखिरी छुट्टी फरवरी में ली थी, फिर भी कंपनी ने आरोप लगाया कि मैं बहुत छुट्टियां लेता हूं. ये कॉर्पोरेट लोग कभी नहीं बदलते.’ एक और यूज़र ने संवेदना जताते हुए लिखा, ‘माता-पिता को खोना सबसे गहरे घावों में से एक होता है. इस समय आपकी मां के साथ रहना जरूरी है, यह भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से पूरी तरह जायज़ है.’ एक अन्य ने कहा गया, ‘अगर आप दस दिन ऑफिस नहीं जाएंगे तो कंपनी बंद नहीं हो जाएगी. ये समय है अपने परिवार के साथ खड़े होने का, शोक मनाने का.’