menu-icon
India Daily

आर्टिफिशियल '8 पैक एब्स' बनवाने के लिए खर्च किए ₹5 करोड़, शख्स ने बताया अब कैसी आ रही है फीलिंग

चीन के एक इन्फ्लुएंसर ने करीब ₹5 करोड़ खर्च कर हयालुरोनिक एसिड इंजेक्शन से कृत्रिम एब्स बनवाए. उसने अब तक 40% इंजेक्शन ले लिए हैं और दावा किया कि यह दिखने में 'और प्राकृतिक' लग रहे हैं.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
ai generated india daily
Courtesy: ai

फिटनेस के जुनून ने अब नया मोड़ ले लिया है. चीन के फैशन इन्फ्लुएंसर एंडी हाओ टिएनन ने नियमित एक्सरसाइज से हार मानकर कृत्रिम आठ-पैक एब्स बनवाने का अनोखा रास्ता चुना. 

उन्होंने इसके लिए लगभग चार मिलियन युआन यानी करीब ₹5 करोड़ खर्च किए हैं. हाओ ने हयालुरोनिक एसिड इंजेक्शन के जरिए अपने शरीर को वह शेप दिया है, जो उन्होंने जिम में सालों की मेहनत के बावजूद हासिल नहीं किया. लेकिन विशेषज्ञ इसे खतरनाक ट्रेंड बता रहे हैं.

कृत्रिम एब्स के लिए करोड़ों की कीमत चुकाई

एंडी हाओ टिएनन, जो सोशल मीडिया पर एक लाख से अधिक फॉलोअर्स रखते हैं, ने खुलासा किया कि उन्होंने अपने शरीर में बड़ी मात्रा में हयालुरोनिक एसिड इंजेक्ट करवाया है. यह वही प्राकृतिक तत्व है जो शरीर की त्वचा को नम बनाए रखता है और जोड़ों की लचक में मदद करता है. हाओ का दावा है कि अब उनके शरीर का लगभग 20% हिस्सा इस एसिड से बना है और वह 10,000 डोज लेने की योजना बना रहे हैं.

'कायर नहीं रहा, मैंने सैकड़ों इंजेक्शन झेले हैं'

हाओ का कहना है कि उन्होंने यह प्रक्रिया इसलिए अपनाई क्योंकि एक्सरसाइज से उन्हें मनचाहा शरीर नहीं मिला. उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, 'मैं मानता हूं कि मसल्स कायरों पर नहीं उगते, लेकिन अब मैं कायर नहीं रहा. इतने इंजेक्शन लेने के बाद कोई डर नहीं बचा.' उन्होंने दावा किया कि अगर तीन साल तक उनके एब्स वैसे ही रहे तो वह गिनीज रिकॉर्ड के लिए आवेदन करेंगे.

'तीन साल बाद भी एब्स वैसे ही रहेंगे'

हाओ का कहना है कि उन्हें इस प्रक्रिया के पांच महीने बाद भी कोई समस्या नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि 'हयालुरोनिक एसिड बिल्कुल भी हिला या जमा नहीं है, जैसा कि कई डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी. इसके विपरीत, एब्स अब और प्राकृतिक लगते हैं. यहां तक कि लाइन्स भी स्पष्ट हैं और एक में नहीं मिलीं.'

विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

कॉस्मेटिक सर्जन ली जियालुन ने कहा कि इस तरह की अत्यधिक इंजेक्शन प्रक्रिया बेहद खतरनाक हो सकती है. उनके अनुसार, 40 डोज इंजेक्शन से त्वचा कुचल सकती है और रक्त वाहिकाओं का नाश भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्रिम मसल्स चलते समय असामान्य दिखते हैं क्योंकि असली मसल्स गतिशील होते हैं. साथ ही, लंबे समय में एसिड हड्डियों को कमजोर कर सकता है और मसल्स पर दबाव डाल सकता है.

फिटनेस का खतरनाक जुनून

हाओ का यह प्रयोग इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन गया है. कई लोग इसे 'पागलपन भरी सुंदरता की खोज' बता रहे हैं, तो कुछ इसे नई बॉडी आर्ट का हिस्सा मानते हैं. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी प्रक्रियाओं से न केवल शरीर को स्थायी नुकसान हो सकता है, बल्कि यह मानसिक रूप से भी अस्थिरता बढ़ा सकती है. हाओ हालांकि अब भी अपने एब्स को लेकर खुश हैं और दावा करते हैं कि 'ये समय के साथ और बेहतर दिखते हैं.'