पुणे से एक बार फिर मन विचलित करने वाली खबर सामने आ रही है. यहां एक बच्चे ने आत्महत्या कर ली. इस दौरान बच्चे ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है. दरअसल पिंपरी-चिंचवड शहर के किवेल इलाके में यह मृतक बच्चा ऑनलाइन गेम खेलते समय अपनी आवासीय इमारत की 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. इससे पहले उसने एक सुसाइड नोट में लॉग ऑफ नोट लिखकर आत्महत्या कर ली. इस दौरान उसने अपनी नोटबुक में कुछ स्केच और नक्शे बनाया था, पुलिस का शुरूआती अनुमान है कि गेम की लत लगने के बाद उसने आत्महत्या कर ली.
सोसाइड करने वाले इस बच्चे के लैपटॉप का पासवर्ड अभी भी उसके माता-पिता और पुलिस को नहीं पता है इसलिए पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस के सामने जांच में यह बड़ी चुनौती है कि युवक ने कौन सा गेम खेला था. पुलिस मृतक बच्चे की आत्महत्या की जांच के लिए साइबर एक्सपर्ट की मदद लेगी. डीसीपी स्पप्ना गोने ने माता पिता से अपील की है कि वे अपने बच्चों के मोबाइल लैपटॉप पर नजर रखें ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके.
मृतक बच्चे की मां ने कहा, पिछले छह महीनों में उनका बेटा बहुत बदल गया था. वह आक्रमण हो रहा था. एक मां होने के नाते मुझे भी उसके सामने जाने से डर लगता था. इस गेम से बाहर निकालने की बहुत कोशिश की, मैं उससे लैपटॉप ले लेती थी मगर वो मुझसे लैपटाप छीन लेता था. वह इतना बदल गया था कि उसे आग से भी डर नहीं लगता था. वह पहले ऐसा नहीं था.
बच्चे की मां ने आरोप लगाया है कि यह सरकार की गलती है. 'ऐसी वेबसाइटें बच्चों तक कैसे पहुंचती है. आज के दौर में हर चीज डिजिटल हो गई है. जब ये सभी चीजें बच्चों के पास रहे तो उन्हें सुरक्षित करने के बजाए, उससे उसका ही नुकासन हो रहा है. उन्होंने कहा, 14वीं मंजिल से कूदने के बाद क्या होगा. ये बात मेरे बेटे को नहीं पता थी. सामने वाले ने उसके सामने आत्महत्या का टास्क रख दिया था. ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होनी चाहिए. ये अपील है, मैं सरकार से अपील करती हूं कि ऐसी बातें बच्चों तक न पहुंचने दें'.
बता दें कि भारत में ब्लू व्हेल गेम ने पहला शिकार जुलाई 2017 में मुंबई के 14 साल के स्कूल छात्र मनप्रीत सिंह साहनी को बनाया था. तब मनप्रीत ने 7वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी. 2019 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक इस गेम के चलते रूस, यूक्रेन, भारत और अमेरिका में 100 से ज्यादा बच्चों की जान गई.