menu-icon
India Daily
share--v1

एक घंटे में 1123 पेड़ों के साथ किया ऐसा काम, बना डाला विश्व रिकॉर्ड

अबुबकर ताहिरू नाम के एक 29 साल के शख्स ने यह रिकॉर्ड बनाया है. ताहिरू के लिए यह रिकॉर्ड बनाना आसान नहीं था, इसके लिए उन्हें हर एक मिनट में 19 पेड़ों को गले लगाना था.

auth-image
India Daily Live
 Abubakar Tahiru Hugged Most Trees in One Hours, makes Guinness World Records

दुनिया में हर किसी की कुछ ऐसा कर गुजरने की ख्वाहिश होती है जिससे वह भी सुर्खियों में आ जाए और उसे भी एक अलग पहचान मिले, लेकिन दुनिया में बहुत कम लोग ही ऐसा कर पाते हैं और जो ऐसा कर जाते हैं वह दुनिया के पटल पर छा जाता हैं.

अबुबकर ताहिरू नाम के एक 29 साल के शख्स ने कुछ ऐसा ही कारनामा किया है जिससे उसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. उसके इस कारनामे को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी जगह मिली है. ताहिरू ने जो कारनामा किया है उसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

1 घंटे में  1,123 पेड़ों को गले लगाकर बनाया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

ताहिरू ने एक घंटे में 1,123 पेड़ों को गले लगाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.  इस रिकॉर्ड को अमेरिका के अलबामा में  टस्केगी राष्ट्रीय वन (Tuskegee National Forest) में अंजाम दिया गया.

आसान नहीं था यह काम 
इस रिकॉर्ड को बनाना ताहिरू के लिए आसान नहीं था, क्योंकि इस रिकॉर्ड को बनाने के लिए ताहिरू को हर 1 मिनट में 19 पेड़ों को गले लगाना था. इसके अलावा यह भी नोटिस किया जा रहा था कि ताहिरू पेड़ों को ठीक ढंग से गले लगा रहे हैं या नहीं. इसके अलावा पेड़ों को किसी भी तरह का नुकसान होने पर वह डिस्क्वालिफाई भी हो सकते थे.

खिताब जीतकर क्या बोले ताहिरू
इस अद्भूत रिकॉर्ड को बनाने के बाद ताहिरू फूले नहीं समां रहे हैं. उन्होंने कहा कि विश्व रिकॉर्ड बनाना अविश्वसनीय रूपसे फायदेमंद है क्योंकि यह पर्यावरण के प्रति लोगों का प्यार बढ़ाने और पेड़ों के बारे में सोचने के लिए एक सार्थक संकेत भी है.

पेड़ों को गले लगाने के लिए 1500 रुपए वसूल रही ये कंपनी
प्रकृति के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए बेंगलुरू की एक कंपनी Trove Experiences ने एक अद्भुत शुरुआत की है. इस दौड़ भाग भरी जिंदगी में कंपनी लोगों को पेड़ों को गले लगाने का मौका दे रही है. हालांकि पेड़ों को गले लगाने के लिए आपको 1500 रुपए देने होंगे. कंपनी का कहना है कि लोगों को प्रकृति के प्रति जागरूक करने के लिए और लोगों को मानसिक शांति देने के मकसद से हमने ये शुरुआत की है.