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क्या है प्रोजेक्ट परी, जिसका प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में किया जिक्र?

इस प्रोजेक्ट परी का मोटिव आधुनिक विषयों और तकनीकों को शामिल करते हुए हजारों वर्षों की कलात्मक विरासत से संबंधित सार्वजनिक कला का प्रदर्शन करना है.  सड़कों के किनारे, दीवारों पर, underpass में बहुत ही सुंदर paintings बनी हुई दिखती हैं इस तरह की पेंटिंग प्रोजेक्ट परी के तहत आने वाले कलाकार ही बनाते हैं. उन्हें ये प्रोजेक्ट दिया जाता है. आज इस प्रोजेक्ट की चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 112वें एपिसोड में किया है.

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Edited By: India Daily Live
Project Pari
Courtesy: Social Media

आम बजट पेश होने के बाद आज पहली बार मन की बात कार्यक्रम का 112 वां एपिसोड प्रसारित हुआ. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट परी के बारे बताया. दरअसल Project PARI, public art को लोकप्रिय बनाने के लिए उभरते कलाकारों को एक मंच पर लाने का बड़ा माध्यम बन रहा है. अक्सर आप ने देखा होगा कि सड़कों के किनारे, दीवारों पर, underpass में बहुत ही सुंदर paintings बनी हुई दिखती हैं. ये paintings और ये कलाकृतियाँ वही कलाकार बनाते हैं जो PARI से जुड़े हैं.

कला एवं संस्कृति मंत्रालय ने 46वीं विश्व धरोहर समिति बैठक में इस प्रोजेक्ट परी को शुरू किया गया था. इससे पहले भारत सरकार ने प्रोजेक्ट परी(भारत की सार्वजनिक कला) को शुरू किया है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत और यूनेस्को विरासत स्थलों पर केंद्रित है.

'Project PARI के माध्यम से हमारे...'

आज मन की बात में प्रोजेक्ट परी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'Project PARI के माध्यम से हमारे सार्वजनिक स्थानों की सुंदरता बढ़ती है. वहीं हमारे Culture को और ज्यादा popular बनाने में भी मदद मिलती है.'

क्या है प्रोजेक्ट परी?

बता दें कि इसकी जिम्मेदारी ललित कला अकादमी और राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय को दी गई है. इस प्रोजेक्ट परी का मोटिव आधुनिक विषयों और तकनीकों को शामिल करते हुए हजारों वर्षों की कलात्मक विरासत से संबंधित सार्वजनिक कला का प्रदर्शन करना है.

प्रोजेक्ट परी के तहत आने वाली पेंटिंग

देश भर के कलाकार प्रोजेक्ट परी में भाग लेकर दीवार पेंटिंग, भित्ति चित्र, मूर्तियां और अधिष्ठापन आदि तैयार कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट परी में फड़ पेंटिंग (राजस्थान), थांगका पेंटिंग (सिक्किम/लद्दाख), लघु चित्रकारी (हिमाचल प्रदेश), गोंड कला (मध्य प्रदेश), तंजौर पेंटिंग (तमिलनाडु), कलमकारी (आंध्र प्रदेश), अल्पना कला (पश्चिम बंगाल), चेरियल पेंटिंग (तेलंगाना), पिछवाई पेंटिंग (राजस्थान), लंजिया सौरा (उड़ीसा), पट्टचित्र (पश्चिम बंगाल), बणी-ठणी पेंटिंग (राजस्थान), वारली/ वर्ली (महाराष्ट्र), पिथौरा कला (गुजरात), ऐपण (उत्तराखंड), केरल भित्ति चित्र (केरल) और अल्पना कला (त्रिपुरा) सहित विभिन्न शैलियों द्वारा प्रेरित कलाएं भी शामिल है.