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कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर धड़ाम, म्यूचुअल फंड में 4 हजार करोड़ से अधिक का नुकसान

Kotak Mahindra Bank Stock: RBI द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर धड़ाम हो गए हैं. इसके चलते म्यूचुअल फंड को 4,281 करोड़ का नुकसान हो गया है. 

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Kotak Mahindra Bank Stock: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कोटक महिंद्रा पर ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से ग्राहकों को जोड़ने और क्रेडिट कार्ड जारी करने पर बैन लगाया गया है. इसके बाद बैंक के शेयर में 10 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. इसके चलते म्यूचुअल फंड्स को भी 4,281 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ है. 

बीते 24 अप्रैल को आरबीआई ने दो साल की जांच करने के बाद तकनीकि प्लेटफॉर्म पर कई खामियों के चलते कोटक महिंद्रा बैंक पर ऑनलाइन या मोबाइल बैंकिंग के माध्यम से नए ग्राहक जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड को जारी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. 

म्यूचुअल फंड पर पड़ा बड़ा असर

बीती साल मार्च 2023 में एसबीआई म्यूचुअल फंड के पास कोटक महिंद्रा बैंक में सबसे बड़ी हिस्सेदारी थी.उस समय करीब 7.52 करोड़ शेयर एसबीआई के पास थे. इनकी कीमत 13,855 करोड़ रुपये थी. अब यह घटकर 12,600 करोड़ पर रह गई है. इसके चलते करीब 1200 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. वहीं, यूटीआई एमएफ को 486 करोड़, एचडीएफसी एमएफ को 462 करोड़ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ को 461 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. 

बीते मार्च तक 36 म्यूचुअल फंड्स के पास कोटक महिंद्रा बैंक के स्टॉक्स हैं, इनकी कुल हिस्सेदारी करीब 25.63 करोड़ शेयर है. इसका मूल्य 47,229 करोड़ रुपये से अधिक है. नियामक कार्रवाई के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के स्टॉक्स में 10 प्रतिशत की गिरावट आई और इसके बाद निवेशकों की संपत्ति 35200 करोड़ रुपये से ज्यादा कम हो गई है. यह 1 अप्रैल 2020 के बाद सबसे तेज गिरावट है.

बैंक ने कही ये बात 

कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा है कि आरबीआई के निर्देशों को उसके कुल कारोबार पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ने वाला है. बैंक ने कहा है कि उसने अपने आईटी सिस्टम को ठीक करने और नई तकनीकों को अपनाने के लिए काफी ठोस कदम उठाए हैं. इसके साथ ही अन्य मुद्दों को भी काफी जल्द ही हल कर लिया जाएगा. बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड,मोबाइल और नेट बैंकिंग सहित सभी सेवाओं को लेकर परेशान न होने की सलाह दी है. 

ब्रोकरेज फर्म ने कही ये बात 

ब्रोकरेज फर्म मैक्वेरी ने इस कार्रवाई को बैंक के लिए एक झटका माना है. इस एक्शन का बैंक के कारोबार पर निगेटिव इम्पैक्ट देखने  को मिलेगा. 

6 महीने से अधिक का लग सकता है समय

ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने बाताया कि ऐसी समस्या से निपटने के लिए 6 महीने से अधिक का समय लग सकता है. यह बैंक के रेवेन्यू और लागत को भी प्रभावित कर सकता है. 

Disclaimer : शेयर बाजार वित्तीय जोखिमों के अधीन है.theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. इस कारण किसी भी निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह अवश्य ले लें.