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भारत के इस काम के लिए चीन को बीच में ला रहा था रूस, मोदी सरकार ने कहा- खबरदार

इजरायल-हमास जंग के बीच जहां एक ओर कच्चे तेल के दामआसमान छूने लगे हैं वहीं दूसरी ओर कच्चे तेल की खरीद के लिए पेमेंट ऑप्शन को लेकर भारत औ रूस आमने-सामने आ गए हैं.

Sagar Bhardwaj
Edited By: Sagar Bhardwaj
भारत के इस काम के लिए चीन को बीच में ला रहा था रूस, मोदी सरकार ने कहा- खबरदार

Business News: इजरायल-हमास जंग के बीच जहां एक ओर कच्चे तेल के दामआसमान छूने लगे हैं वहीं दूसरी ओर कच्चे तेल की खरीद के लिए पेमेंट ऑप्शन को लेकर भारत औ रूस आमने-सामने आ गए हैं.

भारत ने रूस की मांग को सिरे से किया खारिज

दरअसल, रूस भारत के लिए सबसे बड़े क्रूड ऑयल सप्लायर्स में से एक है, लेकिन रूस की कुछ तेल कंपनियां भारत को चीनी करेंसी युआन में पेंमेंट करने की मांग कर रही हैं, जिसे मोदी सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया है.

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चाइना से जारी तनाव के बीच भारत ने सख्त रुख अपनाते हुए रूसी तेल सप्लायरों की मांग को मानने से इनकार कर दिया है. ये सप्लायर्स भारत से तेल के लिए युआन में पेमेंट करने की मांग कर रहे थे. मोदी सरकार ने रूसी तेल सप्लायरों के दबाव में न आते हुए युआन में पेमेंट करने से साफ मना कर दिया. हालांकि इस बीच सवाल यह उठ रहा है कि रुस भारत से चीनी करेंसी में पेमेंट करने के लिए क्यों कह रहा है?

भारत को 60 फीसदी तेल की आपूर्ति करता है रूस

कच्चे तेल की सप्लाई के लिहाज से भारत रूस के लिए कितना अहम है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत में कच्चे तेल की मांग की 60 फीसदी पूर्ति अकेले रूस करता है. भारत में तेल की सप्लाई कर रूस अरबों रुपए कमाता है. भारत अब तक रूस को अमेरिकी डॉलर, दिरहम या रुपए में पेमेंट करता रहा है. इस पूरी पेमेंट में सबसे ज्यादा हिस्सा डॉलर का ही होता है लेकिन पिछले कुछ समय से रूस के कारोबारी अपना ज्यादातर बिजनेस चीन की मुद्रा में ही करने पर जोर दे रहे हैं. यही कारण है कि वे भारत को युआन में पेमेंट करने का दबाव बना रहे हैं. भारत ने उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा है कि ये नहीं चलेगा.

मोदी सरकार ने यूआन में पेमेंट पर लगाई रोक

रिपोर्ट के अनुसार रूस में चीनी करेंसी में हो रहे पेमेंट के चलते इस साल युआन रूस में सबसे ज्यादा कारोबार करने वाली करेंसी बन गई है. भारत की सबसे बड़ी रिफाइनरी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने बीते दिनों रूसी क्रूड का पेमेंट चीनी करेंसी में किया था लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने युआन में लेनदेन करने पर रोक लगा दी थी.

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