Microsoft के CEO सत्य नडेला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद भारत में एआई विकास को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि कंपनी 17.5 अरब डॉलर का निवेश कर भारत में AI-first भविष्य के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे, कौशल और तकनीकी क्षमताओं का विकास करेगी.
यह निवेश माइक्रोसॉफ्ट का एशिया में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस कदम को स्वागत करते हुए भारत के युवाओं और नवाचार के अवसरों की सराहना की.
सत्य नडेला ने बताया कि यह निवेश एशिया में कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश है. इसके तहत अगले चार वर्षों में भारत में डेटा सेंटर, क्लाउड और एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा. निवेश से भारत के AI-फोकस्ड भविष्य को बढ़ावा मिलेगा और यह तकनीकी क्षेत्र में भारत की प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Microsoft के निवेश को स्वागत योग्य बताया. उन्होंने कहा, 'जब एआई की बात आती है, तो पूरी दुनिया भारत के बारे में आशावादी है.' मोदी ने इस निवेश को देश के युवाओं और नवाचार के अवसरों के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया, जो वैश्विक स्तर पर भारत की तकनीकी प्रतिष्ठा बढ़ाएगा.
Microsoft ने पहले ही बेंगलुरु में 3 अरब डॉलर का निवेश कर क्लाउड और AI इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया था. अब इस नए निवेश के तहत नए डेटा सेंटर बनाए जाएंगे, कर्मचारियों को एआई में प्रशिक्षण दिया जाएगा और तकनीकी दक्षता को बढ़ाया जाएगा. कंपनी का लक्ष्य भारत में मजबूत एआई इकोसिस्टम का निर्माण करना है.
When it comes to AI, the world is optimistic about India!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 9, 2025
Had a very productive discussion with Mr. Satya Nadella. Happy to see India being the place where Microsoft will make its largest-ever investment in Asia.
The youth of India will harness this opportunity to innovate… https://t.co/fMFcGQ8ctK
Microsoft का यह निवेश भारत को वैश्विक AI केंद्र के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा. Google और Amazon जैसी कंपनियां भी भारत में एआई और डेटा सेंटर में अरबों डॉलर का निवेश कर रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में AI के लिए नैतिक और मानव-केंद्रित नीति पर ध्यान देने की बात कही थी, जिससे भारत को तकनीकी नेतृत्व में लाभ मिलेगा.
इस निवेश से भारत में AI आधारित स्टार्टअप्स, नौकरियां और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को वैश्विक AI मानचित्र पर अग्रणी बनाएगा. डेटा सुरक्षा, नैतिकता और तकनीकी सशक्तिकरण पर ध्यान देना आवश्यक होगा, जिससे इस निवेश का लाभ देश और समाज दोनों को मिल सके.