Sambhaw: भारतीय सेना ने सुरक्षित संचार को सुनिश्चित करने और संवेदनशील सूचनाओं की लीक की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से संभव स्मार्टफोन परियोजना को लॉन्च किया है. अक्टूबर में चीन के साथ हुई वार्ता के दौरान पहली बार इन स्मार्टफोनों का उपयोग किया गया था.
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपनी वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि संभव फोन का इस्तेमाल सुरक्षित और त्वरित संचार के लिए किया गया था.
रक्षा सूत्रों के अनुसार, सेना के लगभग 30,000 अधिकारियों को संभव फोन प्रदान किए गए हैं. इन स्मार्टफोनों में स्वदेशी रूप से विकसित एप्लिकेशन शामिल हैं, जैसे कि 'एम-सिग्मा', जो मैसेजिंग, दस्तावेज, चित्र और वीडियो साझा करने की सुविधा प्रदान करता है. इसे व्हाट्सएप का एक सुरक्षित और स्वदेशी विकल्प माना जा रहा है.
संभव स्मार्टफोन पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड हैं और 5G तकनीक पर आधारित हैं. इन फोनों को एयरटेल और जियो जैसे नेटवर्क पर उपयोग किया जा सकता है, जो इन्हें व्यापक और प्रभावी बनाता है. फोन में सभी आवश्यक पदाधिकारियों के संपर्क नंबर पहले से ही सेव हैं, जिससे अधिकारियों को अलग से नंबर सेव करने की आवश्यकता नहीं होती.
संभव स्मार्टफोन का उद्देश्य न केवल सुरक्षित संचार प्रदान करना है, बल्कि संवेदनशील दस्तावेजों और सूचनाओं की लीक को भी रोकना है. इससे पहले, सेना के अधिकारी व्हाट्सएप और अन्य सामान्य मैसेजिंग एप्लिकेशन का उपयोग करते थे, जिससे महत्वपूर्ण सूचनाओं के सार्वजनिक डोमेन में लीक होने का जोखिम बढ़ गया था.
संभव स्मार्टफोन के माध्यम से सेना ने एक स्वदेशी 'एंड-टू-एंड सिक्योर मोबाइल इकोसिस्टम' विकसित किया है. यह इकोसिस्टम संवेदनशील सूचनाओं की गोपनीयता बनाए रखते हुए त्वरित और सुरक्षित संचार की सुविधा प्रदान करता है.
यह परियोजना भारतीय सेना के डिजिटल और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. सेना को उम्मीद है कि इस प्रणाली से सुरक्षित संचार की एक नई आधारशिला रखी जाएगी, जिससे संवेदनशील सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.
संभव स्मार्टफोन न केवल सेना की परिचालन क्षमताओं को मजबूत करेगा, बल्कि यह भारत की तकनीकी स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी है.