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हैकर्स का IP Address पता करने में क्यों मात खाती है पुलिस? एक्सपर्ट से जान लीजिए

Cyber Criminals IP Address: क्या आप जानते हैं कि आखिर क्यों किसी साइबर क्रिमिनल का आईपी एड्रेस ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है? अगर नहीं, तो यहां जानें एक्सपर्ट पवन दुग्गल क्या कहते हैं इस बारे में. 

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Shilpa Srivastava
Cyber Criminals IP Address

Cyber Criminals IP Address: दिल्ली के स्कूलों में बॉम्ब की धमकी दी गई है जिससे लोगों के बीच काफी हड़कंप मचा हुआ है. स्कूलों की तलाशी ली गई है लेकिन बम बरामद नहीं हुआ. बच्चों को भी जल्दी घर भेज दिया गया. इस मामले में अभी तक का अपडेट ये है कि जिसने धमकी भेजी है उसका IP एड्रेस रूस का है. एजेंसियां इस एड्रेस को ट्रैक करने पर काम कर रही हैं. हालांकि, स्कैमर्स आज इतने स्मार्ट हो गए हैं कि उन्हें पकड़ पाना बेहद ही मुश्किल हो जाता है. इसका बड़ा कारण है कि वो एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं जिसके जरिए उनका IP एड्रेस ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है. 

IP एड्रेस ट्रेस न हो पाने के मामले को लेकर हमने साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ पवन दुग्गल से बात की. हमने ये जानने की कोशिश की कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि हैकर्स या स्कैमर्स का IP एड्रेस ट्रेस नहीं हो पाता है? इसे लेकर एक्सपर्ट ने क्या कहा, चलिए जानते हैं. 

सवाल:  साइबर क्रिमिनल्स या स्कैमर्स का IP एड्रेस ट्रेस क्यों नहीं हो पाता है?
जवाब:
साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने बताया, “साइबर क्रिमिनल्स किसी भी स्कैम को अंजाम देने के लिए VPN का इस्तेमाल करते हैं. VPN का मतलब वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क होता है. जब इसका इस्तेमाल कर कोई एक्टिविटी की जाती है तो IP एड्रेस ट्रेस कर पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि VPN लगातार IP एड्रेस को बाउंस करता रहता है. इसे कई देश में बाउंस कराया जाता है जिससे यूजर का सटीक IP एड्रेस मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है. VPN के जरिए हैकर्स अपने सही IP एड्रेस को हाइड कर देते हैं. 

सवाल: क्या IP एड्रेस के जरिए किसा का फोन हैक किया जा सकता है?
जवाब:
एक्सपर्ट ने कहा कि हां, ऐसा किया जाता है. जब किसी का IP एड्रेस हैक किया जाता है तो उसका नाम, लोकेशन आदि की जानकारी निकाली जाती है और फिर यूजर की डिवाइस का एक्सेस हासिल किया जाता है. इसके लिए कई तरह से यूजर को ट्रिक भी किया जाता है. 

सवाल: यूजर का क्या नुकसान होगा?
जवाब:
जब हैकर्स, यूजर की डिवाइस का एक्सेस ले लेते हैं तो उससे मालिशस एक्टिविटी या गलत एक्टिविटी करना शुरू करते हैं. जब इस तरह के मामले की जांच की जाती है तो पुलिस के हाथ हैकर्स नहीं बल्कि यूजर का IP एड्रेस लगता है. इससे हैकर्स का बाल भी बांका नहीं होता है और यूजर बुरी तरह से फंस जाता है. 

सवाल: क्या इस तरह के मामले में हैकर पकड़े जाते हैं?
जवाब:
इस तरह के मामले में हैकर्स का पकड़ा जाना बेहद ही मुश्किल हो जाता है. क्योंकि VPN के जरिए IP एड्रेस छुप जाता है जिससे इसका पता लगाना लगभग नामुमकिन हो जाता है. यही कारण है कि भारत में साइबर क्राइम कंविक्शन रेश्यो .1% से भी कम है. यानी 100 में से 1 व्यक्ति को भी पकड़ पाना मुश्किल हो जाता है. 

बचने के 5 उपाय:

  1. यूजर को साइबर सुरक्षा जीवनशैली अपनानी चाहिए. खुद को सुरक्षित रखना है तो सतर्क तो रहना होगा. अपने लाइफस्टाइल में साइबर सिक्योरिटी के मायने को समझना और उन्हें अपनाना बेहद जरूरी है. 

  2. साइबर क्राइम के प्रति जागरुक होना जरूरी है. हैकर्स कितने तरह से हैकिंग कर सकते हैं, ये सभी आपको पता होना चाहिए जिससे प्रोएक्टिवली ही किसी जाल में फंसने से बच सकें. 

  3. अपनी सभी जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर करना सबसे ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि हैकर्स यहीं से आपकी हर बात का पता लगाते हैं. सोशल मीडिया पर जितना हो सके उतना कम अपनी निजी जिंदगी के बारे में शेयर करें. 

  4. निजता को सुरक्षित रखना जरूरी है. हर सोशल मीडिया अकाउंट पर जाकर प्राइवेसी सेटिंग को चेक करें. कहीं कुछ भी गलत लगता है तो सेटिंग्स को बदल दें. किसी भी ऐप या साइट को अपनी प्रोफाइल या डिवाइस का पूरा एक्सेस न दें.

  5. अपने डिवाइस में फायरवॉल एक्टिवेट करें. इससे कोई भी हैकर आपकी डिवाइस में घुस नहीं पाएगा.