menu-icon
India Daily

अटल सेतू को इन 8 तकनीकों ने बनाया 'अटल', बड़े भूकंप के झटकों से भी नहीं होगा नुकसान

अटल सेतू को बनाने में इन 8 टेकनोलॉजीज का इस्तेमाल किया गया है जो इसे बेहद ही मजबूत बनाता है. ये तकनीक क्या हैं, चलिए जानते हैं. 

auth-image
Edited By: Shilpa Srivastava
Atal Setu Bridge

हाइलाइट्स

  • अटल सेतू में इस्तेमाल हुई ये 8 टेकनोलॉजीज
  • सेतू को बनाते हैं बेहद मजबूत

अटल सेतू के बारे में आपने काफी कुछ सुना होगा. इस पुल की मदद से नवी मुंबई से मुंबई तक का सफर महज 20 मिनट में पूरा हो जाएगा. इसे बनाने में 17,840 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च आया है. बता दें कि इस पुल को हाईटेक टेक्नोलॉजी से बनाया गया है. कहा जा रहा है कि इसमें 8 ऐसे तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जो बड़े से बड़े भूकंप के झटके भी झेल सकता है. चलिए जानते हैं अटल सेतू की इन 8 टेक्नोलॉजी के बारे में. 

1. इस पुल में आईसोलेशन बियरिंग इस्तेमाल की गई है. इसके साथ यह पुल 6.5 रिक्टर के तेज भूकंप को आसानी से झेल सकता है. इसे जान-माल की हानि नहीं होगी. 

2. इसमें नॉइस बैरियर का इस्तेमाल किया गया है. यह बैरियर इस पुल के किनारों पर लगाए गए हैं. सिर्फ यही नहीं, इसमें साइलेंसर का भी इस्तेमाल किया गया है. इसके जरिए जो लोग पुल पर सफर कर रहे हैं उन्हें शोर-शराबे का सामना नहीं करना पड़ेगा. 

3. इस पुल में इको फ्रेंडली लाइटिंग का इस्तेमाल किया गया है. यह कम बिजली या एनर्जी खपत करती हैं. इनकी रोशनी आस-पास जीव जंतुओं को परेशान नहीं करेगी. 

4. एक बड़ी खासियत है इसका टोल सिस्टम. इस पुल में एक इलेक्ट्रोनिक टोल कलेक्शन मॉडर्न सिस्टम लगाया गया है जिसमें गाड़ियों को रुकने की जरूरत नहीं पड़ती है. यह खुद से ही बिना गाड़ी रोक टोल कलेक्ट करता है. 

5. एक और बड़ी खासियत यह है कि अगर पुल पर कोई एक्सीडेंट हो जाता है तो वहां तुरंत राहत पहुंच जाएगी. इसके लिए रियल टाइम ट्रैफिक इंफोर्मेशन का इस्तेमाल किया गया है. यह रियल टाइम में जानकारी उपलब्ध कराएगा. 

6. इस पुल में स्टील बीम के सपोर्ट के साथ डेक डिजाइन में स्टील प्लेट लगाई गई है. कंक्रीट की तुलना में यह  ज्यादा मजबूत है और हल्का भी है. अगर बहुत तेज हवा चलती है तो यह पुल को मजबूती देगा. 

7. स्टील डेक की मदद से दो पिलर्स के बीच ज्यादा दूरी दी गई है. इससे पिलर की संख्या कम हो जाती है और पुल ज्यादा मजबूत हो जाता है. 

8. रिवर्स सर्कुलेशन रिग की मदद से साउंड और वाइब्रेशन में कमी आएगी.