Uttarakhand Revenue Surplus: उत्तराखंड ने पिछले छह सालों से लगातार राजस्व सरप्लस बनाए रखने में सफलता हासिल की है. राज्य सरकार के वित्तीय अनुशासन और संसाधनों के बेहतर उपयोग ने अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है. कर संग्रह और अन्य स्रोतों से होने वाली आय में डेढ़ गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षककी हालिया रिपोर्ट में उत्तराखंड को 16 राजस्व सरप्लस वाले राज्यों में शामिल किया गया है. यह उपलब्धि राज्य की आर्थिक नीतियों की मजबूती को दर्शाती है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार ने फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाने और आय बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. अनावश्यक खर्चों में कटौती और संसाधनों के प्रभावी उपयोग से राजस्व घाटा कम हुआ है. सरकार ने कर संग्रह को बढ़ाने के लिए नीतियों को और पारदर्शी बनाया, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ. इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, पिछले पांच वर्षों में आय में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.
हमारी सरकार के वित्तीय अनुशासन और संसाधनों के कुशल प्रबंधन ने राज्य की अर्थव्यवस्था को मज़बूती दी है। राजस्व अधिशेष की स्थिति प्रदेश की बड़ी उपलब्धि है, जो आत्मनिर्भर और सशक्त उत्तराखंड की दिशा में उठाए जा रहे सतत प्रयासों का परिणाम है।
करों और अन्य स्रोतों से आय में निरंतर… pic.twitter.com/4TRO26anvH— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 23, 2025Also Read
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धामी सरकार ने उत्तराखंड का खजाना भरा
उत्तराखंड सरकार का जोर अब आर्थिक विकास को और गति देने पर है. वित्तीय अनुशासन को प्राथमिकता देते हुए, सरकार ने विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. पर्यटन, कृषि, और छोटे-मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देकर राज्य न केवल अपनी आय बढ़ा रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए अवसर भी पैदा कर रहा है.
जानें किस हथियार से आय में की डेढ फीसदी से ज्यादा की वृद्धि
यह आर्थिक प्रगति उत्तराखंड के लिए एक सकारात्मक संकेत है. सरकार की नीतियों और वित्तीय प्रबंधन ने न केवल राजस्व में वृद्धि की है, बल्कि भविष्य के लिए एक मजबूत आर्थिक आधार भी तैयार किया है. मुख्यमंत्री धामी ने इस उपलब्धि को जनता और प्रशासन की मेहनत का परिणाम बताया है. आगे भी सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को आर्थिक रूप से और सशक्त बनाने का है, ताकि राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छू सके.