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India Daily

11 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रहे पति-पत्नी, 32 लाख उड़ा ले उड़े फ्रॉड

ठग ने धमकी भरे लहजे में कहा कि आप दोनों को तुरंत डिजिटल अरेस्ट किया जाता है. घर से बाहर कदम नहीं रखना है, किसी से बात नहीं करनी है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Husband and wife were digitally arrested for 11 days
Courtesy: Photo-AI

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है. इस बार शिकार बनीं 87 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षिका और उनके पति, जिन्हें ठगों ने पूरे 11 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा. दुबई में रहने वाले बेटे को फंसाने का डर दिखाकर ठगों ने दंपती से 30 लाख रुपये से अधिक की रकम ठग ली.

19 नवंबर 2025 को टीचर के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया. कुछ देर बाद वही नंबर से वीडियो कॉल आई. स्क्रीन पर पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई के कोलाबा थाने का अधिकारी बताया. उसने दावा किया कि विदेश में रहने वाला उनका बेटा गंभीर अपराध में फंस गया है और उसके फोन से कुछ “संवेदनशील दस्तावेज” बरामद हुए हैं.

ठग ने धमकी भरे लहजे में कहा, आप दोनों को तुरंत डिजिटल अरेस्ट किया जाता है. घर से बाहर कदम नहीं रखना है, किसी से बात नहीं करनी है. अगर ऐसा किया तो आपके बेटे को उम्रकैद हो जाएगी और आपको भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

11 दिन तक घर को बनाया कैदखाना

डर के मारे बुजुर्ग दंपती ने ठगों की हर बात मान ली. ठग दिन-रात वीडियो कॉल पर नजर रखते थे. कभी मुंबई पुलिस, कभी सीबीआई, कभी सर्वोच्च न्यायालय के नाम से फर्जी पत्र भेजकर दबाव बनाते रहे. 19 नवंबर को ही अलग-अलग बैंक खातों में 27 लाख 12 हजार रुपये ट्रांसफर करवाए गए. अगले दिन 20 नवंबर को “सुप्रीम कोर्ट के ट्रांजेक्शन विभाग” के नाम से फर्जी पत्र दिखाकर 2 लाख 5 हजार रुपये और ऐंठ लिए गए. इस तरह 11 दिनों तक ठगी का सिलसिला चलता रहा और कुल राशि 30 लाख के पार पहुंच गई.

आखिर कब खुला राज?

जब ठग और ज्यादा रकम मांगने लगे और दंपती के पास देने को कुछ नहीं बचा, तब उन्होंने अपने एक रिश्तेदार को फोन किया. रिश्तेदार ने तुरंत पुलिस से संपर्क किया. कैंट थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर सेल ने जांच शुरू की. पता चला कि सारे खाते गुजरात, राजस्थान और बिहार के अलग-अलग जिलों में हैं. पुलिस अब इन खातों को फ्रीज करने और ठगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.

19 नवंबर को साइबर ठगों ने पीड़िता से 27 लाख 12 हजार रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए. उसके बाद 20 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय के नाम का एक पत्र भेजा और दो लाख पांच हजार रुपए ट्रांजेक्शन विभाग के खाते में जमा करने की बात कह कर अपने खाते में ट्रांसफर करवाए गए. पीड़िता की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ साइबर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.