उत्तराखंड : देहरादून में हुई एंजेल चकमा की हत्या ने पूरे देश को शोक में डाल दिया. त्रिपुरा का छात्र ऐंजल चकमा जो एक निजी यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहा था. उसपर सेलाकुई थाना क्षेत्र के बाजार में हाथ के कड़े और चाकू से हमला किया गया था. ऐंजल इस हमले में बुरी तरह घायल हो गए.
16 दिनों बाद एंजेल जिंदगी की जंग हार गए. इस हमले के बाद कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के एक बयान ने लोगों को भावुक कर दिया. साथ ही नार्थ ईस्ट के दर्द को सामने भी लाया है. गौरव गोगोई ने बताया कि भेदभाव की यह समस्या कितनी गहरी है.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने साथ हुई एक घटना का जिक्र किया. साथ ही देहरादून में हुई एंजेल चकमा की दुखद हत्या को लेकर सरकार और पुलिस प्रशासन से सवाल किए.
गौरव गोगोई ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, "आगरा में एक गार्ड ने मुझसे मेरा पासपोर्ट दिखाने को कहा. इस पीड़ा को केवल पूर्वोत्तर के लोग ही समझ सकते हैं. हमारे लुक के आधार पर हमें पराया समझा जाता है, जबकि हम गर्व से 'भारत माता की जय' बोलते हैं."
देहरादून में एंजेल चकमा के साथ हुई बर्बरता पर गोगोई ने सरकार को घेरा. उन्होंने बताया कि कैसे अपनी पहचान की रक्षा करने पर एक मासूम की जान ले ली गई. एंजेल पर अपमानजनक टिप्पणी की गई, जिसका उसने हिम्मत से जवाब दिया— "मैं भारतीय हूं, चीनी नहीं." जब उसने आंख में आंख डालकर उत्तर दिया, तो पीछे से पांच लोगों ने उस पर हमला कर उसकी हत्या कर दी.
परिवार का आरोप है कि FIR दर्ज करने में 12 दिन लग गए. छात्रों के भारी प्रदर्शन के बाद ही पुलिस जागी. इस मामले में दोषियों को सख्त सजा मिले और फरार मुख्य आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए. साथ ही FIR में देरी की भी जांच होनी चाहिए. लोगों की नजरें अब इस मैटेर पर बनी हुई है.