उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनभूलपुरा अतिक्रमण मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई बुधवार को टल गई. साढ़े तीन हजार से अधिक घर, 5200 परिवार और लगभग 50 हजार लोग इस विवादित क्षेत्र में रहते हैं. हाईकोर्ट ने दिसंबर 2022 में 29 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था.
सुरक्षा के मद्देनजर इलाके में भारी पुलिस, आरपीएफ और पैरामिलिट्री बल तैनात हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा है और निर्णय का सम्मान किया जाएगा.
जनवरी 2023 से इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है. बुधवार को जो संभावित फैसला आना था, वह फिलहाल स्थगित कर दिया गया. इसे टालने के बाद भी प्रशासन ने इलाके में नाकेबंदी और सुरक्षा बढ़ा दी है. बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
हल्द्वानी का बनभूलपुरा इलाका छावनी में बदल गया है. स्टेट पुलिस के साथ आरपीएफ और पैरामिलिट्री जवान तैनात हैं. साढ़े तीन हजार से अधिक घर और 5200 से ज्यादा परिवार प्रभावित हैं. प्रशासन ने नाकेबंदी कर दी है और बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. सुरक्षा के ये इंतजाम सुप्रीम कोर्ट के संभावित फैसले को देखते हुए किए गए हैं.
दिसंबर 2022 में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 29 हेक्टेयर जमीन पर बने अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. यह मामला जनवरी 2023 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. कोर्ट के फैसले की प्रतीक्षा में प्रशासन सतर्क है और प्रभावित लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार का पक्ष कोर्ट में पूरी तरह रखा गया है. उन्होंने कहा, 'कोर्ट जो भी फैसला देगा, वह हमें मान्य होगा. अतिक्रमण करने वालों को नोटिस जारी किया गया है. प्रशासन अपना काम करेगा और कानून का पालन सुनिश्चित करेगा.' धामी ने कहा कि प्रशासन सतर्क है और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है.
5200 से अधिक परिवार और लगभग 50 हजार लोग प्रभावित हैं. प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ाई है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है. बाहरी लोगों की आवाजाही पर रोक और नाकेबंदी का इंतजाम किया गया है. प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि इलाके में कानून व्यवस्था बनी रहे और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद कार्रवाई तुरंत हो.