गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में डासना स्थित देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती एक बार फिर अपने बयानों को लेकर विवादों में आ गए हैं. उनके हालिया वक्तव्यों को आपत्तिजनक और भड़काऊ बताया जा रहा है. इससे पहले भी उनके बयान सामाजिक सौहार्द को लेकर सवाल खड़े करते रहे हैं. इस बार दिए गए बयान ने न केवल धार्मिक बल्कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था से जुड़े मुद्दों को भी केंद्र में ला दिया है.
यति नरसिंहानंद ने हिंदुओं को संबोधित करते हुए बेहद उग्र भाषा का इस्तेमाल किया. उन्होंने कथित तौर पर कहा कि हिंदुओं को अब आईएसआईएस जैसे संगठन बनाने चाहिए और आत्मघाती दस्ते तैयार करने की जरूरत है. इन बयानों को लेकर कई सामाजिक संगठनों और आम लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. आलोचकों का कहना है कि इस तरह की भाषा समाज में नफरत और हिंसा को बढ़ावा दे सकती है.
अपने बयान में यति नरसिंहानंद ने हिंदू रक्षा दल के प्रमुख पिंकी चौधरी द्वारा गाजियाबाद में तलवारें बांटे जाने के कथित कदम का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि तलवार से भी ज्यादा घातक हथियार बांटे जाने चाहिए. इस टिप्पणी के बाद कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बयान युवाओं को गलत दिशा में ले जा सकते हैं.
यति नरसिंहानंद ने छोटो नरसिंहानंद अनिल यादव के साथ एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जो सोशल मीडिया पर सामने आया है. इस वीडियो में उन्होंने बांग्लादेश में दीपू दास और अन्य हिंदुओं की हत्या का जिक्र किया. उन्होंने दावा किया कि इस तरह की घटनाएं पिछले 1400 वर्षों से हो रही हैं.
यति नरसिंहानंद ने कहा कि पहले ऐसी घटनाओं की जानकारी सीमित थी, लेकिन अब सोशल मीडिया के कारण हिंदू समाज सब कुछ देख पा रहा है. उनके अनुसार इन वीडियो को देखकर लोग अवसाद में हैं और असहाय महसूस कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को लगने लगा है कि जो आज दूसरों के साथ हो रहा है, वह कल उनके साथ भी हो सकता है.
इन बयानों के सामने आने के बाद सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं. कई लोगों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि ऐसे बयानों से शांति भंग न हो. फिलहाल प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. मामला संवेदनशील होने के कारण सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.