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संभल में दिखा SIR के पहले चरण का असर, 20% से ज्यादा मतदाता सूची से बाहर, चंदौसी में सबसे ज्यादा वोटर्स की कटौती

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मतदाता सूची को सही और अपडेट करने के लिए SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है. इस प्रक्रिया में जिले के कुल मतदाताओं में से करीब 20.32 प्रतिशत नाम हटाए गए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा नाम चंदौसी क्षेत्र के वोटर्स का हटा है.

Meenu Singh
Edited By: Meenu Singh
संभल में दिखा SIR के पहले चरण का असर, 20% से ज्यादा मतदाता सूची से बाहर, चंदौसी में सबसे ज्यादा वोटर्स की कटौती
Courtesy: @DmSambhal X account

संभल: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मतदाता सूची को सही और अपडेट करने के लिए SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के पहले चरण का काम पूरा कर लिया गया है. इस प्रक्रिया में जिले के कुल मतदाताओं में से करीब 20.32 प्रतिशत नाम हटाए गए हैं. इन नामों को ASD (Absent, Shifted, Deceased) यानी अनुपस्थित, स्थानांतरित या मृत मतदाताओं की श्रेणी में रखा गया है.

जिले के जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि SIR के पहले चरण में संभल जिले में कुल 15 लाख 70 हजार 306 मतदाता दर्ज थे. जांच के बाद इनमें से 3 लाख 19 हजार 6 मतदाताओं के नाम ASD श्रेणी में पाए गए और उन्हें सूची से हटा दिया गया. इनमें ऐसे लोग शामिल हैं जिनका निधन हो चुका है, जो कहीं और शिफ्ट हो गए हैं, या लंबे समय से अनुपस्थित हैं या जिनके नाम दो बार दर्ज थे.

नो मैपिंग वाले मतदाताओं को अब भी मौका

डीएम ने यह भी बताया कि जिले में 6.87 प्रतिशत मतदाता ऐसे हैं जिनकी “नो मैपिंग” हुई है. इसका मतलब है कि इन मतदाताओं का रिकॉर्ड पुरानी मतदाता सूचियों (2003 या उससे पहले) से ठीक से मेल नहीं खा पाया.

हालांकि, ऐसे मतदाताओं को अभी भी मौका दिया गया है. अगर वे जरूरी दस्तावेज या सही जानकारी के साथ अपनी आपत्ति या दावा दर्ज कराते हैं, तो उनके नाम दोबारा मतदाता सूची में जोड़े जा सकते हैं.

किन विधानसभा क्षेत्रों में कितने वोट घटे?

इस संशोधन का असर जिले की सभी विधानसभा सीटों पर पड़ा है. सबसे ज्यादा कमी चंदौसी क्षेत्र में देखी गई है जहां पर 99,183 वोट घट गए. 

चंदौसी (एससी): 99,183 वोट घटे

गुन्नौर: 95,313 वोट कम हुए

संभल: 73,727 मतदाता घटे

असमोली: 50,781 वोट कम हुए (सबसे कम असर)

क्या है ASD और नो मैपिंग?

ASD (Absent, Shifted, Deceased): इसमें वे मतदाता आते हैं जिनके फॉर्म SIR के दौरान नहीं मिले या जो मृत, स्थानांतरित, लंबे समय से अनुपस्थित या वे मतदाता जिनका डेटा पुरानी मतदाता सूचियों से सही तरीके से मेल नहीं खा रहा. 

जिलाधिकारी ने साफ किया कि यह पूरी प्रक्रिया मतदाता सूची को शुद्ध और भरोसेमंद बनाने के लिए की जा रही है, ताकि आने वाले चुनावों में कोई गलत या फर्जी नाम शामिल न रहे.

उन्होंने अपील की है कि जिन मतदाताओं के नाम हट गए हैं या जिनकी मैपिंग नहीं हुई है, वे अपने बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से तुरंत संपर्क करें या निर्धारित फॉर्म के जरिए दावा-आपत्ति दर्ज कराएं, ताकि उनका नाम समय रहते मतदाता सूची में शामिल किया जा सके.