भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में जल्द ही नया नेतृत्व देखने को मिलेगा, और इस बार चर्चा में है कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला का नाम. खबर है कि वह BCCI के अंतरिम अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. पत्रकारिता से शुरूआत करने वाले शुक्ला ने राजनीति में कदम रखा और अब क्रिकेट प्रशासन में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है. आइए जानते हैं कि राजीव शुक्ला कौन हैं और कैसे उन्होंने क्रिकेट जगत में अपनी जगह बनाई.
राजीव शुक्ला का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की. जनसत्ता और रविवार जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में काम करते हुए उन्होंने अपनी लेखनी और राजनीतिक विश्लेषण से लोगों का ध्यान खींचा. उनकी संवाद शैली और गहरी समझ ने उन्हें जल्द ही पत्रकारिता के क्षेत्र में पहचान दिलाई, जो बाद में उनके राजनीतिक और प्रशासनिक करियर की नींव बनी.
राजनीति में बनाई पहचान
साल 2000 में राजीव शुक्ला ने राजनीति में कदम रखा और अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस के साथ अपनी शुरुआत की. बाद में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए. उनकी वाकपटुता और रणनीतिक सोच ने उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया. इसके बाद वह छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद बने. राजनीति में उनकी सक्रियता और प्रभाव ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया.
क्रिकेट प्रशासन में एंट्री
राजीव शुक्ला का क्रिकेट से नाता तब शुरू हुआ, जब वह उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े. धीरे-धीरे उन्होंने BCCI में अपनी जगह बनाई, जो दुनिया का सबसे प्रभावशाली क्रिकेट संगठन है. साल 2011 में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का चेयरमैन बनाया गया. हालांकि, 2013 में कुछ विवादों के कारण उन्हें इस पद से हटना पड़ा, लेकिन 2015 में वह फिर से इस भूमिका में लौटे.
साल 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने राजनेताओं को क्रिकेट प्रशासन में शामिल होने की अनुमति दी, जिसके बाद राजीव शुक्ला BCCI के उपाध्यक्ष बने. अब वह मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी की जगह लेने के लिए तैयार हैं, जो जुलाई 2025 में 70 साल के हो जाएंगे. BCCI के नियमों के अनुसार, 70 साल की उम्र के बाद कोई भी व्यक्ति बोर्ड में कोई पद नहीं संभाल सकता.
BCCI अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारियां
BCCI के अध्यक्ष बनने के बाद राजीव शुक्ला को बोर्ड की जनरल बॉडी और अपेक्स काउंसिल की बैठकों की अध्यक्षता करनी होगी. इसके साथ ही, वह बोर्ड के वित्तीय दस्तावेजों और वार्षिक लेखा-जोखा पर हस्ताक्षर करने वाले तीन लोगों में से एक होंगे. उनकी यह भूमिका भारतीय क्रिकेट को नई दिशा देने में अहम होगी.
चुनौतियां और उम्मीदें
पत्रकारिता से राजनीति और फिर क्रिकेट प्रशासन तक का राजीव शुक्ला का सफर प्रेरणादायक है. उनकी अनुभवी पृष्ठभूमि BCCI को मजबूती दे सकती है, लेकिन IPL और BCCI में पहले हुए विवादों को देखते हुए उनसे पारदर्शी और प्रभावी नेतृत्व की उम्मीद होगी. उनके सामने भारतीय क्रिकेट को और ऊंचाइयों तक ले जाने की जिम्मेदारी होगी.
राजीव शुक्ला का BCCI अध्यक्ष बनना न केवल उनके करियर का एक बड़ा कदम है, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक नया अध्याय शुरू कर सकता है.