UP Paper Leak Case: यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक के आरोपी महेंद्र शर्मा को मंगलवार को एसटीएफ और कांकेरखेड़ा पुलिस की संयुक्त टीम ने हरियाणा के जींद जिले से गिरफ्तार कर लिया. एसटीएफ ने दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल विक्रम पहल के नाम का खुलासा किया जो लीक के पीछे गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहा था.
एसटीएफ की ओर से बताया गया कि जांच टीम ने गिरोह के छह सदस्यों को पांच मार्च को मेरठ से गिरफ्तार किया था और पूछताछ के दौरान उन्होंने हरियाणा के जींद जिले के पिल्लूखेड़ा थाने के ढाढरथ गांव के महेंद्र शर्मा के नाम का खुलासा किया. एसटीएफ और कांकेरखेड़ा पुलिस की संयुक्त टीम ने जींद में एक स्थान पर छापा मारा और महेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया.
उसने पुलिस को बताया कि वह एक दुकान में काम करता है. दिल्ली पुलिस का कांस्टेबल विक्रम पहल जो उसके गांव का ही रहने वाला था 16 फरवरी को उसके पास आया और उसे गुरुग्राम के एक रिसॉर्ट में ले गया. उसने कहा कि यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर वहां उपलब्ध करा दिया जाएगा और इसके बदले में 2 लाख रुपया देने को कहा.
महेंद्र ने पुलिस को बताया कि रिसॉर्ट में पहले से ही 300 से 400 आवेदक मौजूद थे और गौरव चौधरी नाम का शख्स और अधिक आवेदकों के साथ वहां पहुंचा. उन्होंने करीब 1000 आवेदकों की भीड़ के साथ बैठक की. 16 फरवरी को विक्रम पहल झज्जर के मोनू शर्मा और सोनीपत के विक्रम दहिया नामक दो लोगों के साथ वहां पहुंचा. उनके पास 18 फरवरी को यूपी के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर होने वाली दूसरी पाली की परीक्षा का प्रश्न पत्र और आंसर की थी. जिसे आवेदकों के साथ साझा की गई. प्रत्येक अभ्यर्थी को परीक्षा के बाद लीक हुए पेपर के लिए फीस के तौर पर 7 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था.
पुलिस ने महेंद्र शर्मा के खिलाफ कांकेरखेड़ा थाने में आईपीसी की धारा 420/467/468/471 और 120बी और यूपी सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 1998 के तहत मामला दर्ज किया है. प्रश्नपत्र और आंसर की लीक करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.