Uttar Pradesh News: पूरे उत्तर प्रदेश में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब यूपी एसटीएफ ने मुजफ्फरनगर से एक युवक को चार टाइम बम के साथ पकड़ा. आनन-फानन में एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस और बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया. पुलिस ने आरोपी को अपनी गिरफ्त लिया और बमों को बरामद किया. जांच और सुरक्षा अधिकारियों ने सबसे पहले जावेद से सवाल किया कि उसने आखिर टाइम बम कैसे बनाया. इस सवाल का जब जावेद ने जवाब दिया तो पुलिस के भी रौंगटे खड़े हो गए. आरोपी ने बताया कि उसने कैसे ग्लूकोज की बोतल और साइकिल के छर्रों से टाइम बम बनाए थे.
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि जावेद ने बम बनाना अपने दादा से सीखा था. उसके दादा पटाखे बनाने का काम करते थे. जावेद भी उनके साथ काम करता था. इसके बाद वो एक रेडिया रिपेयरिंग की दुकान पर काम करने लगा. यहां से उसने टेक्निकल जानकारी सीखी. फिर क्या था... आरोपी के सनकी दिमाग एक खूंखार काम लग गया.
सामने आया है कि जावेद ने एक स्थानीय डॉक्टरों से ग्लूकोज की बोतलें, साइकिल की दुकानों से लोहे की गोलियां (छर्रे) और घड़ियां खरीदीं. टाइम बम बनाने के उसे इमराना नाम की एक महिला ने शुरुआत में 10 हजार रुपये दिए थे. बम बनने के बाद वो महिला जावेद को 40 हजार रुपये देने वाली थी.
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि जावेद को बम बनाना तो पहले से ही आता था, लेकिन उसने आगे की टेक्निकल जानकारी के लिए यूट्यूब पर वीडियो देखना शुरू कर दिया. किसी तरह से उसने टाइम बम के पार्ट्स को असेंबल करना भी सीख लिया. दावा किया जा रहा है कि उसने काफी हद तक टाइम बम बना लिया था, लेकिन मुखबिरों ने उसके मंसूबों को नाकाम कर दिया. यूपी एसटीएफ को इसी दौरान इन टाइम बमों के बारों में जानकारी मिली. गुरुवार देर रात एसटीएफ की टीम ने मुजफ्फरनगर के खालापार क्षेत्र के मिमलाना रोड में छापा मारकर आरोपी जावेद को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस की जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में जावेद ने बम बनाने और उन्हें बांटने का काम किया था. जावेद की गिरफ्तारी को लेकर उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और यूपी एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने बताया कि मुजफ्फरनगर में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से चार आईईडी बम बरामद किए गए है. ये सभी रिमोट कंट्रोल या टाइमर वाले हैं. गिरफ्तार लोगों ने मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान ऐसे ही बम बनाए थे और बांटे थे.