UP News: एक एंबुलेंस ड्राइवर और उसके सहयोगी ने एक न्यूरोलॉजी मरीज की पत्नी के साथ छेड़खानी की. इसके बाद महिला के पति यानी मरीज का ऑक्सीजन मास्क छीनकर उसे एंबुलेंस से बाहर फेंक दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. आरोपियों ने महिला से 10,000 रुपये और ज्वैलरी की भी लूट कर ली. महिला ने गाजीपुर (इंदिरानगर) थाना क्षेत्र से एंबुलेंस किराए पर लिया था. महिला का पति यहां के एक अस्पताल में एडमिट था. महिला अपने पति को एंबुलेंस के जरिए सिद्धार्थनगर स्थित घर ले जा रही थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़िता के साथ उसका भाई भी एंबुलेंस में मौजूद था, लेकिन दोनों आरोपियों ने उसे केबिन में बंधक बनाकर रख दिया था और फिर वारदात को अंजाम दिया. महिला ने बताया कि उसने अपने पति को 28 अगस्त को इंदिरानगर सी-ब्लॉक में अरावली मार्ग स्थित अस्पताल में भर्ती कराया था. हालांकि, वे इलाज के बाद होने वाले खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं थे.
महिला ने बताया कि मैंने डॉक्टर से अपने पति को डिस्चार्ज करने का अनुरोध किया. वहां मुझे एंबुलेंस ड्राइवर का मोबाइल नंबर दिया गया. महिला ने बताया कि वे 29 अगस्त को एंबुलेंस से अपने घर के लिए निकले थे. रास्ते में एंबुलेंस ड्राइवर ने उनसे आगे की सीट पर बैठने को कहा ताकि रात में पुलिस उन्हें देखकर न रोके. उन्होंने बताया कि मुझे आगे की सीट पर बैठने के लिए मजबूर किया गया. इसी दौरान ड्राइवर और उसके साथी ने मेरे साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी.
पीड़िता के मुताबिक, उसने घटना का विरोध किया लेकिन आरोपी मनमानी करते रहे. महिला की आवाज सुनकर एबुलेंस के पीछे मौजूद उसका पति और भाई चिल्लाने लगे. बाद में आरोपियों ने छावनी थाने की मुख्य सड़क पर एंबुलेंस रोकी और मेरे पति से जबरन ऑक्सीजन मास्क उतारकर बाहर फेंक दिया. उन्होंने मेरे भाई को आगे के केबिन में बंद कर दिया. महिला ने कहा कि वे उसका यौन उत्पीड़न करते रहे और उसके पर्स और पायल, मंगलसूत्र, आधार कार्ड और अस्पताल की रिपोर्ट से 10,000 रुपये लूट लिए.
पीड़िता के मुताबिक, आरोपियों के भागने के बाद मेरे भाई ने 112 और 108 डायल किया. पुलिस ने हमारा बयान दर्ज किया और कहा कि हमें मरीज को भर्ती कराना चाहिए और फिर एफआईआर दर्ज कराने के लिए छावनी थाने आना चाहिए. महिला ने कहा कि 108 एंबुलेंस ने उसके पति को बस्ती जिला अस्पताल में भर्ती कराया. उसकी गंभीर हालत के कारण, उसे गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया था. लेकिन गोरखपुर पहुंचते ही मेरे पति की मौत हो गई.