Premanand Maharaj Accident: वृंदावन में बुधवार को संत प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा के दौरान एक बड़ा हादसा होते-होते टला. यात्रा मार्ग में लगाए गए लोहे के भारी स्वागत द्वार का एक हिस्सा अचानक भीड़ के दबाव में झुक गया और गिरने ही वाला था कि वहां मौजूद श्रद्धालुओं और आयोजकों ने समय रहते स्थिति संभाल ली. यह घटना महाराज के ठीक सामने हुई, लेकिन 'गनीमत रही कि किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.'
पदयात्रा के स्वागत के लिए कई स्थानों पर लोहे के गेट लगाए गए थे. एक जगह, जब संत प्रेमानंद महाराज यात्रा करते हुए उस स्थान पर पहुंचे, तभी भीड़ के दबाव में ढांचे का संतुलन बिगड़ गया और वह गिरने लगा. आयोजकों और कुछ सतर्क श्रद्धालुओं ने तत्परता दिखाते हुए उसे गिरने से पहले ही संभाल लिया. इस घटना ने वहां मौजूद सभी को चौंका दिया और कुछ क्षणों के लिए भगदड़ जैसी स्थिति बन गई.
घटना के बाद लोगों में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन संत प्रेमानंद महाराज ने स्वयं शांत रहने की अपील की. उनके आश्वासन से माहौल सामान्य हुआ और यात्रा बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ाई गई. उनकी शांति और संयम ने उपस्थित भक्तों को भी भावनात्मक रूप से संबल प्रदान किया.
मथुरा में बड़ा हादसा टला बाल-बाल बचे संत प्रेमानंद महाराज पदयात्रा के दौरान रास्ते में लाइटिंग के लिए लगा लोहे का ट्रेस अचानक लटककर हवा में झूल गया जब वह उसके नीचे से गुजर रहे थे। हालांकि कोई हादसा नहीं हुआ।#mathura #premanandmaharaj pic.twitter.com/qh8CkKAbPL
— Sumit Kumar (@skphotography68) May 8, 2025
इस घटना ने पदयात्रा के दौरान की जा रही सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. श्रद्धालुओं ने व्यवस्था में लापरवाही पर नाराजगी जताई है. स्थानीय प्रशासन ने भी मामले को संज्ञान में लेते हुए भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि 2 मई को केली कुंज आश्रम द्वारा यह सूचना दी गई थी कि प्रेमानंद महाराज की रात्रिकालीन यात्रा अस्थायी रूप से बंद की गई है. आश्रम ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि यात्रा दोबारा कब शुरू होगी. स्वास्थ्य कारणों से महाराज ने पदयात्रा में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया था, जिससे कई भक्त बिना दर्शन किए लौट गए थे.