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Mock Drill in India: पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक के बाद यूपी के 75 जिलों में ब्लैक आउट, मॉक ड्रिल के लिए सूबे में पूरी तैयारियां

Mock Drill in India: 7 मई को राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर अभ्यास के लिए तैयार है. इस ड्रिल में सायरन बजेंगे, ब्लैकआउट होगा और आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी सरकारी एजेंसियां और नागरिक सुरक्षा बल एक साथ काम करेंगे.

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Edited By: Babli Rautela
Mock Drill in India
Courtesy: Social Media

Mock Drill in India: उत्तर प्रदेश में आज यानी बुधवार, 7 मई को राष्ट्रीय नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर अभ्यास के लिए तैयार है. इस ड्रिल में सायरन बजेंगे, ब्लैकआउट होगा और आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी सरकारी एजेंसियां और नागरिक सुरक्षा बल एक साथ काम करेंगे. पहले जहां केवल 14 जिलों को इस अभ्यास में शामिल किया गया था, वहीं अब सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे सभी 75 जिलों तक विस्तारित कर दिया है.

इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आम नागरिकों और सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी आपात स्थिति जैसे हवाई हमला, आतंकी हमला या प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए तैयार करना है. इस दौरान लोगों को सायरन की विभिन्न ध्वनियों और उनके अर्थ के बारे में भी जागरूक किया जाएगा. ड्रिल के समय रात 8 बजे से 8:10 बजे तक ब्लैकआउट रहेगा. इस दौरान सभी लाइटें बंद रहेंगी और नागरिकों को इनवर्टर या मोबाइल टॉर्च का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं.

इन अहम शहरों में तैयारी का जायजा

लखनऊ: मंगलवार को पुलिस लाइन क्षेत्र में बम विस्फोट जैसी स्थिति की रिहर्सल की गई. करीब 200 स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया, और बुधवार को 1200 से अधिक स्वयंसेवक शामिल होंगे.

आगरा: डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि खेरिया एयरबेस और ताजमहल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मॉक ड्रिल की योजना तैयार की गई है.

बरेली: त्रिशूल एयरबेस से जुड़े रणनीतिक महत्व को देखते हुए ब्लैकआउट और आपात सायरन की तैयारी की गई है.

प्रयागराज: जिला प्रशासन 12 आपातकालीन विभागों को प्रशिक्षित कर रहा है. सायरनों के अर्थ को लेकर भी जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

मेरठ: संभावित हवाई हमलों के दौरान सायरन की ध्वनि के महत्व को समझाने के लिए विशेष बैठक हुई. कॉलेज, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर ड्रिल की जाएगी.

वाराणसी और गोरखपुर: जिला प्रशासन और सिविल डिफेंस के साथ मिलकर जिलेभर में रणनीतिक रूप से ड्रिल की व्यवस्था तैयार है.

कानपुर: एयरफोर्स स्टेशन, HAL, DRDO सहित कई रक्षा प्रतिष्ठानों की मौजूदगी के चलते मॉक ड्रिल यहां विशेष रूप से महत्वपूर्ण है.

जनता से सहयोग की अपील

अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और इस ड्रिल में सक्रिय भागीदारी करें. सायरन सुनते ही बिजली बंद कर दें और फ्लैशलाइट का प्रयोग न करें. यह अभ्यास हमें भविष्य की किसी भी विपदा से निपटने के लिए मानसिक और रणनीतिक रूप से तैयार करेगा.