Mukhtar Ansari Death: बांदा जेल में बंद रहे पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत के मामले की जांच अब तेज हो गई है. उनके भाई अफजाल अंसारी ने आरोप लगया है कि उन्हें मारा गया है, मुख्तार को खाने में जहर दिया गया. उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी की जब तबीयत खराब हुई थी तो उनसे मेरी बात हुई थी. उन्होंने अपना इलाज किसी अन्य मेडिकल संस्थान में करने की बात कही थी.
अफजाल अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके लिए इन लोगों ने अपने खर्चे पर इलाज करने के लिए एप्लीकेशन भी दिया था क्योंकि आजम खान के मामले में ऐसा पहले हो चुका था. बांदा प्रशासन ने तीन से चार दिन का समय मांगा था और इन्हें खड़ा करने का दावा किया था. डॉक्टर से जबरदस्ती लिखवा कर उन्हें जेल में शिफ्ट कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि 27 मार्च को मुख्तार अंसारी को मऊ जेल में वर्चुअल पेश किया गया था और उन्होंने खुद अदालत से कहा था कि यह लोग मेरी हत्या कर देंगे मुझे बचा लीजिए क्योंकि मुझे जहर खिला दिया गया है अगर निष्पक्ष जांच हो तो पूरी की पूरी पर्दा उठ जाएगी, वहीं फॉरेंसिक एक्सपर्ट के द्वारा दिए गए बयान पर कहा कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने भी बताया था कि यदि किसी को स्लो प्वाइजन दिया जाता है तो 1 महीने के बीच कभी भी मौत हो सकती है इसमें दो चीज होती है या तो लिवर डैमेज होगा या फिर कार्डियक अरेस्ट हो जाएगा और यदि जहर से कोई मरता है तो उसका हॉट पीला हो जाएगा जो मुख्तार अंसारी का कार्डियक अरेस्ट के बाद हार्ट पीला हो गया था.
उसरी चट्टी कांड का मुख्तार से कनेक्शन
अफजाल अंसारी ने कहा कि मुख्तार को मारने के पीछे मानसीकता यह है कि 15 जुलाई 2001 को वह उसरी चट्टी पर जो कांड हुआ था उसका बादी मुकदमा मुख्तार अंसारी थे. इसमें नौ लोग इंजर्ड हुए थे दो लोग उनके वाहन में मारे गए थे. हमलावरों में से एक मर गया था जिसका 10 दिनों के बाद पहचान हो पाया था जो मनोज राय है बिहार का रहने वाला. उस मामले का ट्रायल अब शुरू हुआ है वहीं मुल्ज़िम के एप्लीकेशन पर मामला गाजीपुर से ट्रांसफर होकर लखनऊ पहुंच गया और इसमें खेल किया गया.
अफजाल अंसारी ने कहा कि पूरी सरकार बृजेश सिंह को बचाने के लिए नंगी होने को तैयार है. दिखाई नहीं दे रहा कि वह माफिया डॉन बृजेश सिंह जो देश के सबसे बड़े दुश्मन दाऊद इब्राहिम का पूरा सहयोगी है उसको कितना संरक्षण देकर वीआईपी ट्रीटमेंट दे करके आज घुमाया जा रहा है. इस मामले में 7 गवाह गुजर चुके हैं और गुजरते हैं यदि बीच में मुख्तार का काम तमाम कर दिया जाए तो गवाह भी घबराएंगे क्योंकि इस मामले में मुख्तार सबसे बड़ा साक्ष्य है. जिस साक्ष्य को संरक्षण मिलना चाहिए उसकी हत्या की गई है षड्यंत्र के तहत. हम लोगों को विश्वास अभी भी है भारत में न्याय व्यवस्था अभी जीवित है वह तो कोशिश करेंगे. जो पापी है उन्हें सजा दिलाने का काम हम करेंगे.
उन्होंने कहा कि मुख्तार की हत्या में जितने लोग सम्मिलित हुए चाहे वह जेल कर्मी हों या मेडिकल ऑफीसरों की टीम हों या एल आई यू एस टी एफ और शासन में बैठे लोग हों क्योंकि हमारे पास ऐसे ऐसे सबूत हैं जिसे रख देंगे तो मुंह फटा का फटा रह जाएगा. मुख्तार के मौत के बाद न्यायिक जांच और मजिस्ट्रेट जांच की गई है जबकि पहले काम यह होना चाहिए कि हम उनके परिजन है और जो कह रहे हैं उसका मुकदमा दर्ज होना चाहिए उसके बाद जांच होनी चाहिए.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस मामले को लगातार उठा रहे हैं इस पर उन्होंने कहा कि इस हत्या के मामले में आम आदमी भी थू थू कर रहा है. क्योंकि यह इतना घटिया कृत्य है क्योंकि जिस राज्य से कल्पना की जाती है कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की रक्षा करेगा और जो व्यक्ति ज्यूडिशल कस्टडी में होकर राज्य को सोपा गया उसकी दोहरी जिम्मेदारी हो जाती है सुरक्षा की.