Kanwar Yatra 2025: सावन महीने में शुरू हुई कांवड़ यात्रा के दौरान मेरठ जिले में एक अजीबोगरीब दृश्य देखने को मिला. कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली कई मस्जिदों और मजारों को कपड़े से ढक दिया गया है. यह मामला सोशल मीडिया और आम चर्चा में आते ही विवादों का कारण बन गया है. खास बात यह है कि पुलिस और प्रशासन ने इस तरह के किसी आदेश से साफ इनकार कर दिया है.
कांवड़ यात्रा के दौरान दिल्ली-देहरादून हाईवे, कांवड़ नहर पटरी मार्ग, दिल्ली रोड, हापुड़ रोड और गढ़ रोड जैसे प्रमुख रास्तों पर आने वाली मजारों और मस्जिदों को कपड़े से ढका गया है. माल रोड व लेखा नगर की मजारों के अलावा, परतापुर से मोदीपुरम के बीच हाईवे पर स्थित मस्जिदों को भी इसी तरह ढंका गया है.
जब इस मामले पर डीएम डॉ. वीके सिंह से पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि उनकी ओर से ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है. उन्होंने केवल इतना कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो यह एक 'सुखद पहल' मानी जा सकती है. वहीं, सीओ दौराला प्रकाश चंद अग्रवाल ने भी किसी तरह के निर्देश देने या शांति समिति में इस मुद्दे पर चर्चा से इनकार किया.
इस बीच, शहर के काजी डॉ. जैनुस सालिकीन ने कहा कि मजारों और मस्जिदों को ढकने की जानकारी उन्हें नहीं है और न ही प्रशासन की ओर से कोई निर्देश मिले हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि असल स्थिति संबंधित मजारों या मस्जिदों के प्रबंधकों से पूछने के बाद ही सामने आएगी. वहीं, कारी शफीकुर्रहमान ने इस तरह की कार्रवाई पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि प्रशासन को कम से कम स्थानीय लोगों की सुविधा का भी ध्यान रखना चाहिए. गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रशासन कई तरह की तैयारियां करता है, लेकिन इस बार जो सामने आया है, उसने नई बहस को जन्म दे दिया है.