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लखनऊ में अभी नहीं रुकेगा बुलडोजर! अकबरनगर के कई और बस्तियों की बारी, निशाने पर हजारों घर

Lucknow Demolition Drive: लखनऊ के अकबरनगर इलाके को पूरी तरह से खाली कराए जाने के बाद कुछ और इलाके एलडीए के निशाने पर आ गए हैं. कुकरैल नदी से सटे हुए इन इलाकों में एलडीए ने सर्वे शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि जिन इलाकों में सर्वे किया गया है, वहां लगभग एक हजार से ज्यादा घर हैं. अगर अकबर नगर की तरह ही कार्रवाई की जाती है तो इन घरों को गिराया जा सकता है. लखनऊ में कुकरैल नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान लगातार जारी है.

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Edited By: India Daily Live
Demolition Drive
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाल ही में 1100 से ज्यादा घर तोड़े गए. अकबरनगर इलाके में बसी यह पूरी बस्ती अवैध घोषित की गई थी क्योंकि इसे कुकरैल नदी के डूब क्षेत्र में बनाया गया था. लखनऊ विकास प्राधिकरण का बुलडोजर खूब गरजा और हजारों लोग विस्थापित हो गए. अब खबरें आ रही हैं कि एलडीए का यह बुलडोजर रुकने ने वाला नहीं है. कुछ और इलाकों में सर्वे शुरू कर दिया गया है और वहां भी बुलडोजर चलाने की तैयारी हो रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिन इलाकों में सर्वे किया गया है वहां लगभग एक हजार से ज्यादा घर मौजूद हैं. कुकरैल नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण लगातार सक्रिय है. बताते चलें कि लखनऊ में गोमती नदी में मिल जाने वाली यह कुकरैल नदी समय के साथ नाले में तब्दील हो चुकी है. गोमती नदी में गिरने वाले ज्यादातर गंदे नाले भी इसी के जरिए नदी तक पहुंचते हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ में बहने वाली कुकरैल नदी के किनारे पर अतिक्रमण करके बसाए गए पांच मोहल्ले एलडीए के निशाने पर हैं. हाल में ही एलडीए और सिंचाई विभाग के अफसरों ने अबरार नगर, खुर्रम नगर, रहीम नगर, पंत नगर और जसवंत नगर में सर्वे भी शुरू कर दिया है. इस सर्वे के बाद इन इलाकों में रहने वाले हजारों लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं. उन्हें डर है कि अकबर नगर के लोगों की तरह ही उनके घरों को भी तोड़ा जा सकता है.

नदी के आसपास नहीं रहेगी इमारत

अधिकारियों ने बताया है कि सर्वे के जरिए पता लगाया जा रहा है कि कितने निर्माण अवैध हैं. कुकरैल नदी को पुनर्जीवित करने के लिए उसके उद्गम स्थल यानी अस्ती गांव से लेकर गोमती नदी तक पहले उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है. इसके बाद नदी के क्षेत्र को साफ कराया जाएगा और सुंदरीकरण भी किया जाएगा. प्रदेश सरकार ने नदी के दोनों किनारों से 50-50 मीटर के क्षेत्र को डूब क्षेत्र घोषित कर दिया है. यानी इस दायरे में कोई निर्माण नहीं हो सकेगा. प्रशासन को अधिकार है कि वह इस दायरे में किए गए निर्माण को तोड़ सके. 

कुकरैल नदी के दोनों तरफ कुछ इलाकों में तटबंध पहले से बने हुए हैं. जहां तटबंध हैं, वहां उसे ही नदी की सीमा माना जाएगा. जहां तटबंध नहीं हैं, वहां 50 मीटर की सीमा ही लागू होगी. बता दें कि चुनाव से पहले भी लखनऊ के अकबर नगर में बुलडोजर चलना शुरू हुआ था. हालांकि, चुनाव के दौरान काम रोक दिया गया था. चुनाव खत्म होते ही अकबरनगर में बुलडोजर फिर से चला और पूरे इलाके को अब साफ करा लिया गया है.