बच्चों की अच्छी परवरिश को लेकर हर पेरेंट्स परेशान रहते हैं कि कैसे उन्हें बेहतर शिक्षा, माहौल दी जाए जिसके लिए कुछ भी करने पर उतारू हो जाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी परिस्थिति से समझौता करके भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं और कुछ लोग इसमें विफल होने से काफी व्याकुल रहते हैं कि उनके बच्चे को वे बाकी बच्चों जैसा माहौल क्यों नहीं दे सकते. ऐसी ही इच्छा लिए गरीबी से परेशान और बेहतर स्कूल में बच्चों को पढ़ाने की लालसा लिए एक मां ने बच्ची के साथ मिलकर मौत को गले लगा लिया.
महाराष्ट्र के लातूर जिले में एक 26 वर्षीय महिला ने अपनी पांच साल के बेटी के साथ कूएं में कूदकर आत्महत्या कर ली. महिला ने ये कदम इसलिए उठाया क्योंकि वे अपने दोनों बच्चों को सीबीएसई स्कूल में पढ़ाना चाहती थी, लेकिन उसका पति स्कूल का खर्चा नहीं उठा पा रहा था. मृतकों की पहचान भाग्यश्री वेंकट हलसे और समीक्षा वेंकट हलसे के रूप में हुई है.
परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि भाग्यश्री अपनी बेटी समीक्षा के साथ दूसरे किसान के कुएं पर गई थी. वहां उसने अपने पति वेंकट हलसे को वीडियो कॉल करने के बोली कि बेटी का चेहरा आखिरी बार देख और फिर महिला बच्ची को लेकर कुएं में कूद गई. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने लोगों की मदद से दोनों के शवों को बाहर निकाला.
पुलिस के अनुसार परिवार के सदस्यों ने बताया कि महिला ने अपने बेटे को भी कुएं के पास ले जाने की कोशिक की, लेकिन वे खेलने के चलते वहां से पहले ही निकल गया था. इस वजह से बेटे की जान बच गई. अधिकारी ने बताया कि महिला के पति के पास डेढ़ एकड़ जमीन है परिवार की आजीविका मुख्य रूप से बकरियां चराने पर निर्भर है. भाग्यश्री अपने बेटे और बेटी को सीबीएसई स्कूल में भेजना चाहती थी, लेकिन उसके पति के सामर्थ्य से परे था. इसके चलते वह उदास रहती है. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.