Lok Sabha Elections 2024 : राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा बने राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने गठबंधन में मिली बिजनौर और बागपत लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. रालोद ने बागपत से राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन इसी के साथ रालोद ने लोगों को चौंका दिया है. इस बाद चौधरी चरण सिंह के परिवार से कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है.
1977 के बाद यह ऐसा मौका है, जब चौधरी परिवार से कोई उम्मीदवार चुनावी मैदान में नहीं खड़ा हुई. 2019 के आम चुनाव में चौधरी अजीत सिंह और जयंत चौधरी दोनों मैदान में थे, लेकिन इस बार स्थिति उसके ठीक उलट हो गई है. इसके पहले तक लोकसभा और विधानसभा चुनावों में चौधरी परिवार से कोई न कोई सदस्य चुनाव लड़ता रहा है.
अगर लोकसभा चुनाव की बात करे तो 53 साल बाद यह पहला मौका है, जब चौधरी परिवार से कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ पा रहा है. बता दें कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह ने पहली बार 1937 में संयुक्त प्रांत से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बागपत लोकसभा सीट की पहचान चौधरी चरण सिंह की पारंपरिक सीट के तौर पर होती रही है. इस सीट पर पहली बार 1977 में चौधरी चरण सिंह को जीत मिली थी. इसके बाद आगे इस सीट पर चौधरी परिवार के सदस्य की उम्मीदवार बनते रहे. हालांकि इस बार बागपत सीट पर सांगवान को उम्मीदवार बनाकर पार्टी ने अलग संदेश दिया है.
चौधरी चरण सिंह साल 1977 में विधायकी का चुनाव लड़े थे और जीत हासिल की थी. चौधरी चरण सिंह पहली बार 1937 में यूपी की छपरौली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. इसके बाद 1946, 1952, 1962 और 1967 में विधायक बने. लगातार 40 सालों तक कांग्रेस के साथ रहने वाले चौधरी चरण सिंह ने 1967 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया और करीब एक साल बाद भारतीय क्रांति दल का गठन किया, आगे चलकर यह राष्ट्रीय लोक दल बना.
बागपत सीट से चौधरी चरण सिंह के बाद उनके बेटे अजीत सिंह लगातार लोकसभा चुनाव लड़ते रहे. अजीत सिंह अपनी पारिवारिक सीट बागपत से जीत हासिल करते गए. वो बागपत सीट से 1989, 1991, 1996, 1997, 1999, 2004, 2009 में सांसद बने. 2009 से चौधरी अजीत और जयंत चौधरी दोनों लोकसभा चुनाव लड़ते रहे. 2019 में अजीत सिंह मुजफ्फरनगर सीट से मैदान में उतरे थे, हालांकि, उनको हार का सामना करना पड़ा. वहीं, जयंत चौधरी अपनी पारिवारिक सीट बागपत से मैदान में थे, लेकिन पिता के साथ-साथ बेटे को भी हार नसीब हुई.
अब 2024 के आम चुनाव में इस बात के लिए सभी को यकीन था कि जयंत चौधरी बागपत सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे, लेकिन उम्मीदवारों में उनका नाम नहीं होने से स्पष्ट हो गया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. जयंत चौधरी खुद चुनाव मैदान में क्यों नहीं उतर रहे हैं इसका जवाब अभी तक सामने नहीं आया है. हालांकि यह काम करके जयंत चौधरी ने सभी को चौंका दिया है. वहीं जयंत चौधरी के चुनाव नहीं लड़ने को लेकर विरोधी भी आरएलडी पर हमलावर हो गए हैं.