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India Daily

जेवर एयरपोर्ट के पास बसने जा रहा है देश का सबसे बड़ा एयरोट्रोपोलिस सिटी, रोजगार के लाखों अवसर

Jewar Airport Aerotropolis City: यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘न्यू यूपी-न्यू इंडिया’ विजन को साकार करेगा. योजना में उद्योग, पर्यावरण और रोजगार तीनों का संतुलित विकास शामिल है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Jewar Airport Aerotropolis City
Courtesy: Gemini AI

Jewar Airport Aerotropolis City: उत्तर प्रदेश अब औद्योगिक और कारोबारी विकास के नए नक्शे पर एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है. यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवेलपमें अथॉरिटी (YEIDA) ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) के चारों ओर एक भव्य और अत्याधुनिक एयरोट्रोपोलिस सिटी विकसित करने की योजना को हरी झंडी दे दी है. यह प्रोजेक्ट सिर्फ एक शहरी विकास योजना नहीं, बल्कि एक आत्मनिर्भर स्मार्ट सिटी होगी, जिसमें हवाई यात्रा, उद्योग, कारोबार और आधुनिक जीवनशैली का संगम होगा.

दिल्ली की एयरोसिटी से भी बड़ा प्रोजेक्ट

दिल्ली के IGI एयरपोर्ट के पास विकसित एयरोसिटी की तर्ज पर बनने वाला यह एयरोट्रोपोलिस आकार में उससे कई गुना बड़ा होगा. YEIDA ने इस परियोजना के लिए 6,554 हेक्टेयर भूमि आरक्षित कर दी है. इससे पहले अथॉरिटी ने यमुना एक्सप्रेसवे किनारे 4,480 हेक्टेयर क्षेत्र में एविएशन हब की मंजूरी दी थी.

सरकार का लक्ष्य इस पूरे इलाके को एक ग्लोबल बिजनेस डेस्टिनेशन में बदलना है. यह हब नोएडा-ग्रेटर नोएडा की अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देगा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को औद्योगिक विकास का नया चेहरा प्रदान करेगा.

निवेशकों और स्टार्टअप्स की बढ़ी रुचि

इस प्रोजेक्ट को लेकर निवेशकों, उद्योगपतियों और स्टार्टअप्स में भारी उत्साह देखा जा रहा है. एयरोट्रोपोलिस हवाई संपर्क, सड़क मार्ग और मजबूत औद्योगिक बुनियादी ढांचे का एकीकृत केंद्र बनेगा. YEIDA की 78वीं बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद अब जमीन अधिग्रहण और डेवलपमेंट के अगले चरण की तैयारी शुरू हो चुकी है.

न्यू यूपी-न्यू इंडिया विजन की मिसाल

यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘न्यू यूपी-न्यू इंडिया’ विजन को साकार करेगा. योजना में उद्योग, पर्यावरण और रोजगार तीनों का संतुलित विकास शामिल है. शहर में बिजनेस जोन, लॉजिस्टिक्स कॉरिडोर, कमर्शियल एरिया, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, मनोरंजन स्थल और आवासीय कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे.

इनोवेशन और तकनीकी विकास का केंद्र

एयरोट्रोपोलिस में आईटी और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, बायोटेक्नोलॉजी पार्क, रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर, इनोवेशन हब, होटल और सर्विस अपार्टमेंट्स की स्थापना होगी. साथ ही प्रदर्शनी हॉल, बड़े शॉपिंग मॉल, गोदाम और लॉजिस्टिक्स पार्क भी बनेंगे, ताकि उद्योगों को वैश्विक बाजार से तत्काल जुड़ाव मिल सके.

हरित विकास मॉडल पर विशेष फोकस

YEIDA ने साफ किया है कि एयरोट्रोपोलिस को सिर्फ कंक्रीट का जंगल नहीं बनाया जाएगा. पूरे क्षेत्र में ग्रीन डेवलपमेंट मॉडल अपनाया जाएगा. सभी इमारतों में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य होगा, जबकि 81 हेक्टेयर क्षेत्र में कृत्रिम जलाशय बनाए जाएंगे. इससे भूजल स्तर में सुधार और पर्यावरण संरक्षण दोनों सुनिश्चित होंगे.

रोजगार के लाखों अवसर

आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट उत्तर भारत के औद्योगिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल देगा. इसके शुरू होते ही लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे और यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय निवेश का नया केंद्र बनकर उभरेगा.