Raebareli Meeting Controversy: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के बीच तीखी बहस का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. मामला रायबरेली का है, जहां राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे थे. यहां दिशा की बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच तू-तू, मैं-मैं हो गई.
बैठक की अध्यक्षता राहुल गांधी कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि वे दिशा के अध्यक्ष हैं और चर्चा उनसे पूछकर ही होनी चाहिए. इस पर राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि जब राहुल गांधी लोकसभा में अध्यक्ष का मान नहीं रखते तो यहां वे क्यों मानें. इस बयान के बाद बैठक का माहौल गर्म हो गया और दोनों नेताओं के बीच बहस तेज हो गई.
रायबरेली
दिशा की बैठक में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और दिनेश प्रताप सिंह के बीच तीखी बहस। एक-दूसरे पर हमलावर हुए दोनों नेता। राहुल गांधी ने अधिकारियों की भी क्लास लगाई।
बैठक में उठाए कई बड़े सवाल। डॉक्टरों की भारी कमी, किसान सम्मान निधि,PM आवास योजना पर विस्तृत जानकारी मांगी। pic.twitter.com/kn5YEx2kAm— Shanu Bharty (@riyaz_shanu) September 11, 2025Also Read
जानकारी के मुताबिक, दिशा की बैठक में अमेठी सांसद केएल शर्मा और राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे. हालांकि, ऊंचाहार विधायक मनोज कुमार पांडे इसमें शामिल नहीं हुए. उन्हें समाजवादी पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों और राज्यसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करने के चलते पहले ही निष्कासित कर दिया था. बहस का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक साफ सुनी जा सकती है.
दिलचस्प बात यह है कि दिनेश प्रताप सिंह कभी गांधी परिवार के काफी करीबी हुआ करते थे, लेकिन बाद में उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इस बहस के बाद दिनेश प्रताप सिंह ने मीडिया से कहा कि राहुल गांधी बैठक को दिशा की परिधि से बाहर ले जाना चाहते थे. उन्होंने कहा, 'मैंने सिर्फ इतना कहा कि गाइडलाइन के मुताबिक बैठक होनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि वे अध्यक्ष हैं और बैठक कर सकते हैं. मैंने उन्हें याद दिलाया कि आप संसद में भी बैठते हैं और वहां अध्यक्ष का कितना सम्मान करते हैं. जरूरी नहीं कि हम आपकी हर बात मानें,'
दिनेश प्रताप सिंह ने यह भी कहा कि बैठक में बहस होना कोई असामान्य बात नहीं है. उन्होंने जोड़ा कि योगी-मोदी सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हुआ है और इस पर उन्हें गर्व है. उनका कहना था कि राहुल गांधी तीन-तीन पन्नों का ड्राफ्ट लेकर आते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार की योजनाओं पर कोई उंगली नहीं उठा सकता.