उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद एक बार फिर बड़े पुलिस एनकाउंटर का गवाह बना है. अनिल दुजाना गैंग का शातिर अपराधी बलराम ठाकुर, जो लंबे समय से पुलिस के रडार पर था, आखिरकार शनिवार रात पुलिस की गोलियों से ढेर हो गया.
50 हजार रुपये का ये इनामी बदमाश कारोबारियों से रंगदारी मांगकर इलाके में खौफ फैलाता था. पुलिस का दावा है कि यह कार्रवाई पूरी तरह योजनाबद्ध थी और इसमें क्राइम ब्रांच व स्वाट टीम की अहम भूमिका रही.
शनिवार देर रात गाजियाबाद पुलिस को इनपुट मिला कि बलराम ठाकुर वेव सिटी थाना क्षेत्र के अंडरपास के पास देखा गया है. सूचना मिलते ही पुलिस टीम अलर्ट हो गई और मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की. पुलिस को देखते ही बलराम ने गोलीबारी शुरू कर दी. आत्मरक्षा में पुलिस ने जवाबी फायरिंग की, जिसमें बलराम ठाकुर गंभीर रूप से घायल हुआ और मौके पर ही ढेर हो गया. पुलिस ने बताया कि यह एनकाउंटर पूरी तरह पारदर्शी था और इसमें किसी निर्दोष को नुकसान नहीं हुआ.
मुठभेड़.... में ढेर
— निशान्त शर्मा (भारद्वाज) (@Nishantjournali) September 20, 2025
उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने अनिल दुजाना गैंग के बदमाश बलराम ठाकुर को एनकाउंटर में मार गिराया। उस पर 50,000 का इनाम था। दो दिन पहले गाजियाबाद में मदन स्वीट और एक लोहा कारोबारी से लाखों की रंगदारी मांगी थी।
क्राइम ब्रांच स्वाट टीम प्रभारी एनकाउंटर… pic.twitter.com/8yFxKuy0Dw
बलराम ठाकुर लंबे समय से अनिल दुजाना गैंग से जुड़ा हुआ था और अपराध की दुनिया में उसका नाम तेजी से बढ़ रहा था. दो दिन पहले ही उसने गाजियाबाद के मदन स्वीट्स और एक लोहे के कारोबारी से लाखों रुपये की रंगदारी मांगी थी. इससे शहर में दहशत का माहौल बन गया था. इसके अलावा उसके खिलाफ हत्या, लूट, रंगदारी और धमकी जैसे कई मामले दर्ज थे. पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी और इनाम की घोषणा के बाद उसकी गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही थी.
इस अभियान की कमान एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और स्वाट टीम प्रभारी अनिल राजपूत ने संभाली. दोनों अधिकारियों ने टीम के साथ योजनाबद्ध तरीके से ऑपरेशन चलाया और बदमाश को घेरकर मार गिराने में सफलता पाई. गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने इस एनकाउंटर को अपनी टीम की बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि अपराधियों के खिलाफ पुलिस की यह सख्त कार्रवाई आने वाले समय में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाएगी.
बलराम ठाकुर पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था और वह गाजियाबाद समेत आसपास के जिलों में सक्रिय रूप से कारोबारियों से वसूली करता था. उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई थी. शनिवार का एनकाउंटर उसके आपराधिक जीवन का अंत साबित हुआ. पुलिस का मानना है कि इस कार्रवाई से गैंग के अन्य सक्रिय सदस्य भी हतोत्साहित होंगे और अपराध पर नियंत्रण लगेगा.