Warren Buffett News: भारत की युवा पीढ़ी में EMI पर सामना खरीदने का चलन जोरों पर है. इस ट्रेंड के चलते भारत के लोग कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे हैं. ऐसे में अमेरिका के अरबपति बिजनेसमैन वॉरेन बफेट की सलाह आज भारत की EMI संस्कृति पर सटीक बैठती है. देश में 70% लोग iPhone जैसे महंगे गैजेट्स EMI पर खरीदते हैं और 93% वेतनभोगी, जिनकी मासिक आय 50,000 रुपये से कम है, क्रेडिट कार्ड पर निर्भर हैं. बफेट चेतावनी देते हैं कि कर्ज तनाव और वित्तीय अस्थिरता लाता है. उनकी सलाह है जरूरत से पहले बचत करें, क्रेडिट का इस्तेमाल सावधानी से करें, और वित्तीय आजादी को प्राथमिकता दें.
त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है. दुकानों में नए iPhone और AirPods चमक रहे हैं, और “नो कॉस्ट EMI” के ऑफर हर तरफ बिखरे हैं. लेकिन इस चमक के पीछे एक कड़वी सच्चाई है. भारत में लोग गैजेट्स और जीवनशैली के लिए EMI और क्रेडिट कार्ड पर निर्भर हो रहे हैं. इस बीच, मशहूर निवेशक वॉरेन बफेट की सलाह गूंज रही है कर्ज के जाल से बचो, अपनी कमाई से ज्यादा खर्च मत करो. उनकी यह सलाह आज की युवा पीढ़ी के लिए बेहद जरूरी है.
EMI का आकर्षण और खतरा
EMI की चमक बड़ी लुभावनी है. 80,000 रुपये का फोन 6,000 रुपये मासिक किस्त में बदल जाता है लेकिन खतरा तब शुरू होता है, जब कई EMI और क्रेडिट कार्ड बिल जमा हो जाते हैं. भारत में क्रेडिट कार्ड की ब्याज दर 36-40% तक हो सकती है. एक सर्वे के मुताबिक, 25% लोग “बाय नाउ, पे लेटर” योजनाओं का भुगतान नहीं कर पाते. एक EMI शायद नुकसान न दे, लेकिन कई EMI मिलकर आपकी आय का बड़ा हिस्सा खा लेते हैं.
बफेट की सलाह: बचत पहले
वॉरेन बफेट कहते हैं कि पहले बचत करें, फिर खर्च. हर महीने पहले एक छोटी राशि बचत के लिए अलग रखें. क्रेडिट कार्ड को सुविधा के लिए इस्तेमाल करें, न कि अतिरिक्त पैसे के रूप में. अगर आप पूरा बिल समय पर नहीं चुका सकते, तो यह खतरे की घंटी है. बफेट की सलाह है कि कर्ज लेने से पहले अपनी जरूरतों पर ध्यान दें.
कंपाउंडिंग का जादू और जाल
बफेट हमेशा कंपाउंडिंग की ताकत की बात करते हैं. अगर आप हर महीने थोड़ा निवेश करें, तो वह धीरे-धीरे बढ़ता है. लेकिन कर्ज भी उसी तरह बढ़ता है. EMI और बकाया बिल ब्याज के साथ तेजी से बढ़ सकते हैं. बफेट कहते हैं कि कंपाउंडिंग को अपने पक्ष में काम करने दें, न कि खिलाफ. बचत आपकी आजादी बढ़ाती है, कर्ज उसे छीन लेता है.
वित्तीय आजादी का रास्ता
बफेट की सलाह में एक और अहम बात है- हमेशा आपातकाल के लिए कुछ पैसे बचाकर रखें. जीवन अप्रत्याशित है, और बचत आपको कठिन समय में कर्ज लेने से बचाती है. इस त्योहारी सीजन में, जब नए गैजेट्स का लालच बढ़ता है, बफेट का संदेश साफ है खुशी कर्ज पर नहीं, वित्तीय आजादी पर टिकी होती है. एक नया फोन पुराना हो जाएगा, लेकिन कर्ज का बोझ लंबे समय तक पीछा कर सकता है.