Fake red potatoes seized: उत्तर प्रदेश में नकली और केमिकल से रंगे आलू का मामला सामने आया है. गोरखपुर की महेवा मंडी में खाद्य सुरक्षा विभाग ने दो ट्रकों में ले जा रहे लाल आलू जब्त किए. व्यापारियों और ड्राइवरों में हड़कंप मच गया और वे ट्रक छोड़कर फरार हो गए. यह घटना यह संदेश देती है कि बाजार में बिकने वाले खाने-पीने के सामान की गुणवत्ता पर नजर रखना कितना जरूरी है.
रविवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नवीन महेवा मंडी में छापा मारा. दो ट्रक रंगीन लाल आलू लेकर आए थे, जिनमें कुल 500 क्विंटल से अधिक आलू लदे हुए थे. यह आलू तमिलनाडु के वेल्लोर और यूपी के फर्रुखाबाद से मंगाया गया था. प्रथम दृष्टया जांच में यह पाया गया कि आलू में केमिकल मिलाया गया है. टीम ने नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिए हैं और रिपोर्ट आने तक आलू सीज रहेगा.
सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में जब टीम मंडी में पहुंची, तो व्यापारी और ड्राइवर ट्रक छोड़कर भाग गए. डॉ. सिंह ने बताया कि कानपुर, उन्नाव, बाराबंकी और कन्नौज के कोल्ड स्टोरेज से भी यह आलू गोरखपुर भेजा जा रहा है. इसका मतलब यह है कि केवल मंडी ही नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर यह नकली और रंगीन आलू पूरे राज्य में पहुंच रहे हैं.
जांच में पता चला कि कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालकर उसे केमिकल में रंगा जाता है. आमतौर पर इसमें पेंट या अन्य हानिकारक केमिकल मिलाया जाता है. इसके बाद इसे अलग-अलग जिलों के बाजार और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भेज दिया जाता है. प्रारंभिक जांच में पाया गया कि पानी में डालते ही आलू का पानी लाल हो गया, जो इस केमिकल मिश्रण की पुष्टि करता है.
खाद्य सुरक्षा विभाग ने लोगों को आगाह किया है कि बाजार में बिकने वाले लाल आलू का सेवन न करें. ऐसे आलू स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. विभाग की कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि केवल रंग या दिखावट देखकर सब्जियों और आलू का चयन करना सुरक्षित नहीं है. प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि केमिकल मिश्रित खाद्य पदार्थ का उपयोग करने से बचें.