सर्दी के साथ ही प्रदेश में घने कोहरे ने दस्तक दे दी है और सड़कों पर हालात तेजी से चुनौतीपूर्ण हो रहे हैं. बीते दिनों में दृश्यता घटने से कई दुर्घटनाएं सामने आई हैं, जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है.
इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने बस संचालन को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इन नियमों का उद्देश्य यात्रियों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
परिवहन विभाग ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यदि किसी मार्ग पर दृश्यता 50 मीटर से कम हो जाती है, तो बसों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर रोका जाएगा. इसके लिए टोल प्लाजा, विश्राम स्थल और जन सुविधा केंद्रों को पहले से चिन्हित किया जाएगा. अधिकारियों को निर्देश हैं कि किसी भी स्थिति में जोखिम लेकर बसें न चलाई जाएं.
घने कोहरे और अंधेरे के संयोजन को सबसे खतरनाक मानते हुए रात के समय बस संचालन पर विशेष रोक लगाई गई है. विभाग का मानना है कि इस दौरान हादसों की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. मौसम अत्यधिक खराब होने पर किसी भी दबाव में बसों को चलाने की अनुमति नहीं होगी.
यदि किसी कारणवश यात्रा टालना संभव न हो, तो बसों को ग्रुप में और धीमी गति से चलाने के निर्देश दिए गए हैं. इससे चालकों को आगे चल रही बस का अंदाजा रहेगा और अचानक ब्रेक या टक्कर की संभावना कम होगी. सभी चालकों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है.
परिवहन विभाग ने अधिकारियों को मौसम विभाग, यातायात पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ लगातार समन्वय रखने के निर्देश दिए हैं. एआरटीओ और डिपो प्रबंधकों को नियमित समीक्षा करने और कंट्रोल रूम के माध्यम से त्वरित निर्णय लेने को कहा गया है.
फॉग लाइट, रिफ्लेक्टर और तकनीकी जांच को अनिवार्य किया गया है. बिना सुरक्षा उपकरण वाली बसें नहीं चलेंगी. मथुरा एक्सप्रेस-वे हादसे समेत पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए विभाग ने यह सख्ती की है, ताकि कोहरे में जानमाल का नुकसान रोका जा सके.