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India Daily

'धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया, आतंकी नेटवर्क में धकेला गया...,' कैसे UP की एक नाबालिग को केरल लाया गया?

पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश की 15 वर्षीय दलित लड़की को एक बड़े किशोर ने कथित तौर पर बहला-फुसलाकर एक हजार किलोमीटर दूर केरल ले गया, जबरन धर्म परिवर्तन कराया और आतंकवादी भर्ती नेटवर्क में धकेल दिया.

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Edited By: Mayank Tiwari
Prayagraj Police
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में एक 15 वर्षीय दलित किशोरी को कथित तौर पर लालच देकर एक हजार किलोमीटर से अधिक दूरी पर केरल ले जाया गया, जहां उसे जबरन धर्म परिवर्तन और आतंकी भर्ती नेटवर्क में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया. पुलिस के अनुसार, यह दर्दनाक घटना एक महीने से अधिक समय तक चली, जब तक कि किशोरी भागने में सफल नहीं हुई. यह मामला 8 मई को शुरू हुआ, जब प्रयागराज के फूलपुर क्षेत्र की रहने वाली इस किशोरी को 19 वर्षीय दर्खशा बानो ने कथित तौर पर बहलाया-फुसलाया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि, मोहम्मद कैफ नामक एक अन्य व्यक्ति ने किशोरी को मोटरसाइकिल पर प्रयागराज रेलवे स्टेशन तक ले जाकर उसका उत्पीड़न किया. वहां से दर्खशा बानो ने किशोरी को ट्रेन से दिल्ली ले जाया और फिर केरल पहुंचाया. केरल में किशोरी को कथित तौर पर एक कट्टरपंथी नेटवर्क के सदस्यों से मिलवाया गया. पुलिस का कहना है कि उसे जबरन धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया और आतंकी गतिविधियों में भर्ती करने की कोशिश की गई.

किशोरी का साहसिक पलायन

"जिहादी गतिविधियों में शामिल होने" के लिए दबाव के बावजूद, किशोरी किसी तरह अपने अपहरणकर्ताओं से बचकर त्रिशूर रेलवे स्टेशन पहुंची. वहां स्थानीय पुलिस की मदद से उसने अपनी मां से संपर्क किया, जिन्होंने 26 जून को फूलपुर थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की थी. डीसीपी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया, "केरल से अपनी मां से संपर्क करने के बाद, किशोरी को प्रयागराज वापस लाया गया और वर्तमान में उसे सुरक्षा के लिए वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है." उन्होंने यह भी खुलासा किया कि किशोरी की मां को अज्ञात नंबर से धमकी भरे फोन आए थे.

किशोरी का बयान और संगठित नेटवर्क

प्रयागराज लौटने के बाद, किशोरी से पुलिस ने पूछताछ की. उसने बताया कि वह अकेली नहीं थी; इस समूह द्वारा अन्य नाबालिग लड़कियों को भी निशाना बनाया जा रहा था. उसे पहले पैसे का लालच दिया गया, फिर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया और अंत में आतंकी नेटवर्क में शामिल करने की कोशिश हुई. जांचकर्ताओं के अनुसार, यह समूह एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा है जो लड़कियों को भटकाकर उन्हें कट्टरपंथी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में धकेलता है.

डीसीपी गुनावत ने कहा, "दर्खशा बानो, मोहम्मद कैफ और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसने कथित तौर पर पीड़िता के परिवार को फोन पर धमकी दी थी." पुलिस ने इस नेटवर्क की गतिविधियों की जांच के लिए तीन टीमें गठित की हैं.