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झांसी की वोटर लिस्ट में कहां से आया अमिताभ बच्चन का नाम? वायरल सूची देख मचा हड़कंप

झांसी की SIR लिस्ट में अचानक अमिताभ बच्चन और हरिवंश राय बच्चन का नाम दर्ज मिलना भारी विवाद का कारण बन गया है. मकान नंबर भी गलत निकला और मौके पर मंदिर मिला. मामला सामने आते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

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Edited By: Babli Rautela
Amitabh Bachchan News -India Daily
Courtesy: X

यूपी में इन दिनों SIR प्रक्रिया लगातार विवादों में है. आए दिन नए मामले सामने आ रहे हैं और प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रहे हैं. अब झांसी से एक ऐसा मामला सामने आया जिसने सभी को हैरान कर दिया है. यहां जारी SIR लिस्ट में फिल्म एक्टर अमिताभ बच्चन और उनके पिता हरिवंश राय बच्चन का नाम दर्ज मिला. नाम दर्ज होते ही विभाग में हड़कंप मच गया और सवाल उठने लगे कि आखिर ऐसे नाम लिस्ट में पहुंचे कैसे.

रिपोर्ट के अनुसार अमिताभ बच्चन का नाम ओरछा गेट के बाहर खुशीपुरा इलाके की वोटर लिस्ट में दर्ज मिला है. लिस्ट में उनका मकान नंबर 54 और उम्र 76 वर्ष लिखी हुई थी. यही नहीं लिस्ट के हिसाब से एक्टर ने साल 2003 में इस क्षेत्र में वोट भी डाला बताया गया है.

जानकारी मिलते ही मचा हड़कंप

जब इस मामले की जानकारी स्थानीय लोगों से ली गई तो सबने साफ कहा, हमने अमिताभ बच्चन को सिर्फ फिल्मों में देखा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में कभी बच्चन परिवार का कोई सदस्य नहीं रहा. इससे साफ हुआ कि लिस्ट में दर्ज यह जानकारी गलत है.

भास्कर की रिपोर्ट में दावा किया गया कि जिस मकान नंबर 54 पर अमिताभ बच्चन का नाम दर्ज पाया गया, उसी पते पर एक और नाम भी मिला. यह नाम था सुरेंद्र कुमार पुत्र राजेश कुमार जिसकी उम्र भी 76 वर्ष दर्ज थी. लिस्ट में दोनों नाम 543 और 544 नंबर पर दर्ज पाए गए. यह बात अपने आप में अजीब थी क्योंकि एक ही मकान नंबर पर दो अलग व्यक्तियों का नाम दर्ज था. यही नहीं जब टीम मौके पर जांच करने पहुंची तो मामला और भी उलझ गया.

मकान की जगह मिला मंदिर

शिकायत के बाद जब मकान नंबर 54 की जांच की गई तो वहां कोई मकान नहीं मिला. उस जगह पर मंदिर मिला जिससे पूरा विभाग और भी सकते में आ गया. अब यह सवाल खड़ा हो गया कि जिस मकान में अमिताभ बच्चन का नाम दर्ज किया गया, वह मकान है ही नहीं. मामला जैसे ही सामने आया प्रशासन में खलबली मच गई. विभाग के अधिकारी अब इस पर स्पष्टीकरण देने में जुटे हैं. SIR प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

जैसे ही मामला वायरल हुआ विभाग में जवाबदेही को लेकर घमासान मच गया. कई अधिकारियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि वोटर लिस्ट और SIR लिस्ट में इतने बड़े स्तर की गड़बड़ी कैसे हुई. जांच की मांग भी तेज हो गई है क्योंकि यह सिर्फ एक गलती नहीं बल्कि सिस्टम की गंभीर खामी है. अगर एक बड़े अभिनेता का नाम गलत तरीके से दर्ज हो सकता है तो आम नागरिकों के नाम और रिकॉर्ड में भी ऐसी गलतियां आसानी से हो सकती हैं.