नया साल लोगों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आता है. बीते हुए साल की थकान और कामकाज की दौड़ भाग को पीछे छोड़कर लोग चाहते हैं कि नए साल का पहला दिन कुछ शांत और खास जगह पर बीते. दोस्त हो या परिवार, ज्यादातर लोग दो से तीन दिन की छोटी ट्रिप का प्लान बनाते हैं. बर्फ से ढके पहाड़ हों या हरी भरी वादियां, नए साल पर पर्यटक जगहों का क्रेज हमेशा बढ़ जाता है.
लेकिन बढ़ती भीड़ और महंगाई के बीच यह जरूरी है कि ट्रिप प्लान करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाए. सही प्लानिंग आपकी छुट्टियों को मजेदार बना सकती है, जबकि छोटी सी गलती पूरे सफर को तनाव में बदल सकती है.
न्यू ईयर के दिनों में ट्रेन, फ्लाइट और होटल की बुकिंग काफी मुश्किल हो जाती है. बैक टू बैक छुट्टियों और भारी भीड़ के कारण टिकट जल्दी भर जाते हैं. ऐसे में जगह तय करते ही ट्रांसपोर्ट और होटल की बुकिंग एडवांस में करना ही बेहतर है.
कम से कम दो से तीन हफ्ते पहले बुकिंग करने से आपको मनचाही कीमत और अच्छी जगह मिल सकती है. आखिरी समय में बुकिंग के कारण न सिर्फ ज्यादा खर्च होता है बल्कि कई बार होटल दूर मिलते हैं या फिर ट्रांसपोर्ट भी उपलब्ध नहीं होता. इसलिए जितनी जल्दी प्लानिंग करें, उतना बेहतर.
सर्दियों में हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में पर्यटकों की भारी भीड़ पहुंचती है. ठंड का मौसम सभी को पसंद आता है, लेकिन कई बार अत्यधिक सर्दी परेशानी भी बन जाती है. खासकर बच्चों और बुजुर्गों को जुकाम या बुखार होने की संभावना रहती है.
अगर आप शांति से समय बिताना चाहते हैं, तो ऐसी जगह चुनें जहां भीड़ कम हो. कई हिल स्टेशन ऐसे हैं जो खूबसूरत भी हैं और कम भीड़ वाले भी. मौसम की जानकारी पहले ही ले लें ताकि अचानक आने वाली समस्या से बचा जा सके.
अक्सर लोग ऑनलाइन फोटो देखकर होटल बुक कर लेते हैं लेकिन असल में वहां पहुंचने के बाद स्थिति अलग होती है. साफ सफाई की कमी, सेफ्टी की दिक्कत और स्टाफ का व्यवहार कई बार पूरी छुट्टियों का मजा खराब कर देता है.
इसलिए होटल बुक करने से पहले उसके रिव्यू जरूर पढ़ें. रेटिंग देख लें ताकि समय और पैसे दोनों की बचत हो सके. उसी तरह जहां घूमने जा रहे हैं, वहां के ट्रैवल ब्लॉग या वीडियो देखकर एक आइडिया ले लें कि जगह आपके हिसाब से ठीक है या नहीं.
एक सही बजट आपकी ट्रिप को संतुलित बनाता है. ट्रिप से पहले यह तय कर लें कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं. होटल, ट्रांसपोर्ट, लोकल यात्रा, खाने पीने, घूमने के टिकट, शॉपिंग और इमरजेंसी फंड सभी का अनुमान लगा लें. बजट तय करने से अनावश्यक खर्च नहीं होता और ट्रिप के दौरान किसी तरह की परेशानी भी नहीं आती. अगर पैसों की योजना पहले से बने तो सफर हल्का और सुकून भरा रहता है.