Rajnish Gangwar poem controvers: बरेली के एमजीएम इंटर कॉलेज के शिक्षक रजनीश गंगवार इन दिनों विवादों में घिर गए हैं. उन पर कांवड़ यात्रा को लेकर लिखी गई एक कविता के चलते मामला दर्ज किया गया है. इस पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए गंगवार ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी मंशा स्पष्ट की है. गंगवार ने कहा, “मेरी कविता का उद्देश्य उन छोटे बच्चों को शिक्षा की ओर प्रेरित करना था, जो अभी पढ़-लिख रहे हैं. मैं यह बताना चाहता था कि उन्हें इस उम्र में कांवड़ उठाने की नहीं, पढ़ाई करने की ज़रूरत है.”
उन्होंने आगे कहा कि अक्सर देखा जाता है कि कांवड़ यात्रा के दौरान कई दुर्घटनाएं होती हैं और कुछ जगहों पर उपद्रव और नशा भी देखने को मिलता है. “मैं केवल यह कहना चाह रहा था कि बच्चों को इन गतिविधियों से बचाकर उन्हें शिक्षा के महत्व की ओर मोड़ना चाहिए,”
Rajneesh Gangwar, the government school teacher in Bareilly who was booked for his critical poem on kawariyas, asks when will the right wing groups register FIR against OP Rajbhar for his critical statements against Kanwariyas.
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) July 15, 2025
In the end he says,
लड़ना है तो ढूंढ बराबर का… pic.twitter.com/QZ6KaMafj4
सवाल उठाए हिंदू संगठनों पर
गंगवार ने यह भी जोड़ा कि यदि उनकी बातों से किसी हिंदू संगठन की भावनाएं आहत हुई हैं, तो वह पूछना चाहते हैं कि “अपने नेता राजभर पर कब मुकदमा करेंगे, जिन्होंने खुद कहा कि इससे कोई इंजीनियर या डॉक्टर नहीं बन सकता?”
क्या था पूरा मामला?
यह विवाद एक वीडियो से शुरू हुआ, जिसमें शिक्षक गंगवार कक्षा में छात्रों के सामने एक गीत गा रहे हैं:
“कांवड़ लेके मत जाना, तुम ज्ञान का दीप जलाना,
मानवता के सेवा करके, तुम सच्चे मानव बन जाना.”
इस गीत में धार्मिक कर्मकांडों से ऊपर शिक्षा और मानवता को रखने का संदेश था, जिसे कुछ लोगों ने आपत्तिजनक माना. इसके बाद स्थानीय पार्षद, भाजपा नेता और कई हिन्दू संगठनों के सदस्यों ने पुलिस से शिकायत कर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
पुलिस कार्रवाई और प्रशासन की प्रतिक्रिया
सोमवार रात को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353 (2) के तहत शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. यह धारा किसी ऐसे बयान से संबंधित है जो अफवाह या भ्रम फैलाने वाला हो. बहेरी के सर्कल ऑफिसर अरुण कुमार सिंह ने इस मामले की पुष्टि की और बताया कि जांच चल रही है. वहीं, जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. अजीत कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक की मंशा दुर्भावनापूर्ण नहीं थी. उन्होंने यह भी बताया कि “वीडियो पुराना है और संभवतः जानबूझकर सावन में वायरल किया गया, जिससे विवाद उत्पन्न हो.”