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India Daily

अखिलेश यादव ने जजों पर लगाए गंभीर आरोप, अब्बास अंसारी से जुड़ा है पूरा मामला

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार अपने मनमुताबिक फैसले कराने के लिए जजों की नियुक्ति कर रही है. अखिलेश के बयान ने उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Akhilesh Yadav made serious allegations against judges in Abbas Ansari assembly membership case

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द करने के लिए गंभीर आरोप लगाए. 6 जून 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा, “अब्बास अंसारी की सदस्यता जानबूझकर रद्द की गई है. अगर इन्हीं बयानों की वजह से किसी की सदस्यता ली जा सकती है तो इनकी सरकार में बैठे लोग क्या-क्या बोल रहे हैं. क्या मेरा DNA याद दिलाएंगे ये लोग? क्या समाजवादियों का DNA पूछेंगे? जितनों ने DNA की बात की उनकी सदस्यता क्यों नहीं लेते जज लोग? जो लोग DNA पूछ रहे हैं उनकी सदस्यता क्यों नहीं जा रही है?”  

न्यायपालिका पर सवाल

अखिलेश ने न्यायपालिका पर भी निशाना साधा, आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने मनमुताबिक फैसले कराने के लिए जजों की नियुक्ति कर रही है. उन्होंने कहा, “कभी-कभी फैसला कराने के लिए कुछ लोगों को पोस्ट कर के भेजा जा रहा है. तभी हम लोग पहले दिन से कह रहे हैं कि संविधान को खतरा है. और केवल समाजवादियों की सदस्यता जा रही है. जो भारतीय जनता पार्टी के लोग बयान दे रहे हैं उनकी सदस्यता कभी नहीं जाएगी क्या?” अखिलेश ने यह भी दावा किया कि फैसले जाति के आधार पर हो रहे हैं, जिससे संवैधानिक मूल्यों को नुकसान पहुंच रहा है.  

अब्बास अंसारी मामला
गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को 2022 में दिए गए एक कथित हेट स्पीच के लिए 31 मई 2025 को दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई. अखिलेश ने इसे सत्ता पक्ष की साजिश करार दिया.  

सियासी तनाव
अखिलेश के बयान ने उत्तर प्रदेश में सियासी माहौल को और गर्म कर दिया है. उनके आरोपों ने सरकार और न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं.