जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर के हरमाड़ा थाना क्षेत्र में रविवार को हुए भयानक सड़क हादसे ने पूरे राज्य को सदमे में डाल दिया था. शुरुआती रिपोर्ट्स में 14 लोगों की मौत की खबर फैलने से हड़कंप मच गया, लेकिन अब आधिकारिक पुष्टि के बाद यह संख्या घटकर 13 हो गई है. इस अस्पष्टता ने न केवल पीड़ित परिवारों में भ्रम पैदा किया, बल्कि अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
रविवार दोपहर को हरमाड़ा क्षेत्र के पास एक तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क किनारे खड़ी बस को जोरदार टक्कर मार दी. बस में सवार यात्री गुजरात से जयपुर घूमने आए थे. हादसे में बस के परखच्चे उड़ गए, और कई लोग बुरी तरह घायल हो गए. शुरुआती बचाव कार्य में 14 शवों की सूचना मिली, जिसके आधार पर प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया. लेकिन मंगलवार को हुई जांच में सच्चाई सामने आई कि वास्तव में 13 लोगों ने दम तोड़ा है.
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज (एसएमएस) अस्पताल के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि एक अन्य सड़क दुर्घटना में घायल महिला को हरमाड़ा हादसे से जोड़ दिया गया था. यह महिला अलग घटना में चोटिल होकर भर्ती हुई थी, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. व्यस्तता के बीच रिकॉर्ड में हुई यह चूक ने न केवल आंकड़ों को प्रभावित किया, बल्कि मीडिया और सोशल मीडिया पर अफवाहों को हवा भी दे दी.
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय शर्मा ने कहा, "यह एक मानवीय त्रुटि थी, जो उच्च दबाव वाले समय में हो गई. अब सख्त प्रोटोकॉल लागू किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी भूल न हो."
हादसे के बाद एसएमएस अस्पताल में भर्ती 12 घायलों में से 6 की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है. इनमें से कुछ को आईसीयू में रखा गया है, जहां डॉक्टरों की टीम 24 घंटे निगरानी कर रही है. बाकी मरीजों की हालत स्थिर बताई जा रही है. जिला कलेक्टर ने बताया कि घायलों के लिए विशेष फंड जारी किया गया है, और गुजरात सरकार से भी सहायता का आग्रह किया गया है. परिवारों को मुआवजे की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं.