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India Daily

दशहरा के मौके पर कोटा में जला दुनिया का सबसे ऊंचा रावण, आतिशबाजी के साथ गूंजे 'जय श्री राम' के जयकारे

Dussehra 2025: दशहरा 2025 में भारत भर में रावण के विशाल पुतलों ने परंपरा और नवाचार का अनोखा संगम दिखाया. कोटा में दुनिया का सबसे ऊंचा रावण पुतला 222 फीट ऊंचा बनाया गया, जिसमें 25 फीट का फाइबरग्लास चेहरा, 60 फीट का LED ताज, 50 फीट की तलवार और 40 फीट के जूते शामिल थे.

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Edited By: Princy Sharma
Dussehra 2025
Courtesy: X

Dussehra 2025: दशहरा 2025 में भारत भर में रावण के विशाल पुतलों ने परंपरा और नवाचार का अद्भुत संगम पेश किया. विभिन्न शहरों में रावण के रिकॉर्ड-ब्रेकिंग पुतले बनाए गए और इस बार के दशहरे में सदियों पुरानी परंपराओं में कुछ नया भी देखने को मिला.

राजस्थान के कोटा में 132वें राष्ट्रीय दशहरा मेले के दौरान दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला 222 फीट ऊंचा बनाया गया. इस पुतले को बनाने में चार महीने लगे और 44 लाख रुपये खर्च हुए. इस विशाल पुतले की डिजाइन में 25 फीट का फाइबरग्लास चेहरा, 60 फीट का LED-लाइट वाला ताज, 50 फीट की तलवार और 40 फीट के जूते शामिल हैं. इसके अंदर 15,000 इको-फ्रेंडली पटाखे भरे गए हैं, जो शाम 7:30 बजे कोटा के आसमान में रोशनी करेंगे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनेंगे.

लुधियाना 

पंजाब के लुधियाना में 121 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया गया, जो राज्य का सबसे ऊंचा पुतला था. इस पुतले को कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने जलाया. हजारों लोग वहां इकट्ठा हुए और रावण के जलते हुए पुतले को देखकर जय श्री राम के नारे लगाए. यह पुतला बुराई के नाश और अच्छाई की जीत का प्रतीक था.

पंचकुला 

हरियाणा के पंचकुला में ट्राईसिटी का सबसे ऊंचा 180 फीट ऊंचा रावण का पुतला जलाया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी उपस्थित थे. शालीमार ग्राउंड पर आयोजित इस समारोह में रावण, मेघनाद और कुम्भकर्ण के पुतलों को एक साथ जलाया गया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान नागरिकों से भगवान राम के आदर्शों का पालन करने की अपील की.

उज्जैन में रावण पुतला गिरा, तीन लोग घायल

मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक बड़ा हादसा हुआ. तेज हवाओं के कारण रावण का विशाल पुतला झूलने लगा और गिरने से तीन लोग घायल हो गए. आयोजकों ने तुरंत प्राथमिक उपचार किया और पुतले की मरम्मत कर ली. बाद में रावण का पुतला जलाने की प्रक्रिया पूरी की गई. इस साल के दशहरे की उत्सवों ने पूरे देश को एकजुट किया, और रावण के पुतले ने एक बार फिर से बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया.