Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले देश को दहलाने की बड़ी साजिश को राजस्थान पुलिस ने नाकाम कर दिया. पुलिस मुख्यालय की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ने रविवार को जयपुर और टोंक के निवाई से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें तीन नाबालिग भी शामिल हैं. ये आरोपी दिल्ली और ग्वालियर में 15 अगस्त तक ग्रेनेड ब्लास्ट करने की तैयारी में थे.जांच में खुलासा हुआ है कि ये सभी आरोपी पंजाब के जालंधर में 7 जुलाई को हुए एक शराब दुकान ब्लास्ट के भी वांटेड थे, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम कर रहे थे.
एडीजी दिनेश एम.एन. ने बताया कि आरोपियों का नेटवर्क पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है, जहां से ग्रेनेड मंगवाए गए थे. आरोपियों का हैंडलर कनाडा में रह रहा जिशान अख्तर है, जिसने इन्हें टारगेट देकर हमले की साजिश रची थी. पंजाब पुलिस से मिली सूचना के बाद राजस्थान में यह संयुक्त कार्रवाई की गई और समय रहते पूरे ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.
पकड़े गए आरोपी 7 जुलाई को पंजाब के जालंधर में नवाशहर स्थित एक शराब दुकान के बाहर हुए ग्रेनेड ब्लास्ट के भी आरोपी हैं. इस हमले के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ था और इसका मास्टरमाइंड जिशान अख्तर कनाडा से ऑपरेट कर रहा था. पंजाब पुलिस की सूचना पर राजस्थान पुलिस ने इन्हें दबोचा.
जांच में सामने आया कि इन आरोपियों ने हमले के लिए पाकिस्तान से ग्रेनेड मंगवाए थे. जिशान अख्तर, पाकिस्तानी गैंगस्टर शहजाद भट्टी, मनु अगवान और गोपी नवाशहरिया के साथ मिलकर देश में अशांति फैलाने की योजना बना रहा था. जिशान ने ही इन्हें दिल्ली और ग्वालियर में टारगेट चुनने का निर्देश दिया था.
आरोपी इंस्टाग्राम और अन्य ऑनलाइन ऐप्स के जरिए जिशान से जुड़े थे. जिशान और उसके साथी नाबालिगों को पैसों का लालच देकर गैंग में शामिल करते थे. पकड़े गए तीन नाबालिगों में एक उत्तर प्रदेश का निवासी है, जिसने पंजाब में ग्रेनेड ब्लास्ट को अंजाम दिया था.
एएसपी सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन में निरीक्षक रामसिंह और उप निरीक्षक नरेंद्र सिंह की टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस ऑपरेशन में एएसआई दुष्यंत सिंह, हेड कांस्टेबल शाहिद अली और कांस्टेबल रविंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, जितेंद्र कुमार और दिनेश कुमार ने अहम भूमिका निभाई. आरोपियों को पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है, जहां आगे की जांच जारी है.