राजस्थान के बारां जिले में इस बार बारिश ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. जुलाई महीने में अब तक 1111.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले 10 वर्षों के औसत 1001 मिमी से कहीं अधिक है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर हैं और सैकड़ों गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. प्रशासन हाई अलर्ट पर है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की जा रही है.
अटरू क्षेत्र में सर्वाधिक 1371 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है. भारी बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. कोटा-श्योपुर मार्ग पर स्थित पार्वती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.पानी बस्तियों में घुस गया है, जिससे लोगों को अपने घर खाली करने पर मजबूर होना पड़ा है. खातौली में प्रशासन मुनादी करवा कर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कह रहा है.
नाहरगढ़ क्षेत्र पूरी तरह से पानी में घिर चुका है. बरनी नदी की पुलिया टूट जाने से नाहरगढ़, भंवरगढ़ और फतेहगढ़ के रास्ते बंद हो गए हैं. जलवाड़ा मार्ग भी बहाव के कारण बंद है, जिससे इलाकों का आपसी संपर्क टूट गया है. इलाके में बिजली और मोबाइल नेटवर्क की सेवा भी ठप हो गई है.
इटावा क्षेत्र में भी सुखनी नदी उफान पर है. पुलियों पर तीन से चार फीट तक पानी बह रहा है, जिससे पीपल्दा, रोन और करवाड़ जैसे कस्बों का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है. इटावा उपखंड मुख्यालय भी अलग-थलग पड़ गया है.
प्रशासन की ओर से हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है. तहसीलदार गणेश खंगार खुद मौके पर मौजूद हैं. बादीपुरा तालाब का कट्टा खिसकने से जलप्रवाह और तेज हो गया है. सिमलोद में फिलहाल नियंत्रण बना हुआ है लेकिन बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही.