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अब जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री को लेकर नहीं होगा घमासान, पंजाब में 'ईजी रजिस्ट्री' सिस्टम शुरू

पंजाब सरकार की 'ईज़ी रजिस्ट्री' प्रणाली एक ऐसी पहल है, जो न केवल रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाएगी, बल्कि भ्रष्टाचार को खत्म करने और नागरिकों को सशक्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने इस प्रणाली को जनता की सेवा में समर्पित करते हुए इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया.

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Edited By: Mayank Tiwari
पंजाब सरकार की ऐतिहासिक पहल
Courtesy: Social Media

पंजाब सरकार ने आम नागरिकों को सुगम और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के सहयोग से 'ईज़ी रजिस्ट्री' प्रणाली की शुरुआत की गई है. इस प्रणाली का उद्देश्य जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल, तेज, और भ्रष्टाचार-मुक्त बनाना है। इस पहल को पंजाब के इतिहास में क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है, जो नागरिकों को बिचौलियों और अनावश्यक परेशानियों से मुक्ति दिलाएगा.

'ईज़ी रजिस्ट्री': एक क्रांतिकारी पहल

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने इस प्रणाली को समर्पित करते हुए कहा, "पंजाब के इतिहास में यह क्रांतिकारी कदम है. लोगों को अब कार्यालयों में परेशान नहीं होना पड़ेगा और न ही एजेंटों या बिचौलियों से निपटना पड़ेगा, क्योंकि अब शुरू से अंत तक हर जानकारी मोबाइल पर मिलेगी और यह प्रणाली तेज और पारदर्शी होगी." इस प्रणाली के तहत रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल और नागरिक-केंद्रित बनाया गया है, जिससे समय, धन और ऊर्जा की बचत होगी.

कैसे काम करेगी यह प्रणाली?

'ईज़ी रजिस्ट्री' प्रणाली के तहत अब नागरिकों को स्थानीय सब-रजिस्ट्रार कार्यालय तक सीमित नहीं रहना पड़ेगा. वे जिले के किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री करवा सकते हैं. इसके अलावा, हेल्पलाइन नंबर 1076 के जरिए सेवा सहायकों को घर बुलाकर दस्तावेज तैयार करवाए जा सकते हैं. यह सुविधा खास तौर पर ग्रामीण परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों, और कामकाजी पेशेवरों के लिए वरदान साबित होगी. 

इस प्रणाली में दस्तावेज जमा करने, मंजूरी, भुगतान, और कार्यालय में अपॉइंटमेंट जैसी सभी जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध होगी. भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा, "अब अनिश्चितता का दौर खत्म हो गया है, जिससे सिस्टम में लोगों का भरोसा और बढ़ेगा." ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने की सुविधा, डिजिटल अग्रिम जांच, और स्वयं समय चुनने की व्यवस्था से लंबी कतारों और बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने की समस्या खत्म हो जाएगी.

48 घंटों में अग्रिम जांच, तय समय पर रजिस्ट्री

इस प्रणाली की एक खास विशेषता यह है कि दस्तावेजों की अग्रिम जांच 48 घंटों में पूरी हो जाएगी. रजिस्ट्री के लिए नागरिकों को इंतजार नहीं करना पड़ेगा, बल्कि यह प्रक्रिया पहले से तय समय पर पूरी होगी. इससे व्यस्त पेशेवरों और नौकरीपेशा लोगों का समय बचेगा. साथ ही, ऑनलाइन भुगतान गेटवे के माध्यम से स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क जैसे सभी भुगतान डिजिटल रूप से किए जा सकेंगे, जिससे बैंकों में डिमांड ड्राफ्ट तैयार करने या नकदी रखने की चिंता खत्म हो जाएगी.

एजेंट संस्कृति पर प्रहार

पंजाब सरकार ने इस प्रणाली के जरिए बिचौलियों और एजेंटों की संस्कृति को खत्म करने का संकल्प लिया है. भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब नकदी के बजाय ऑनलाइन शुल्क भुगतान होगा, और रिश्वत की शिकायत के लिए एक विशेष व्हाट्सएप नंबर शुरू किया गया है. नागरिक 'ड्राफ्ट माय डीड' टूल का उपयोग करके स्वयं सेल डीड तैयार कर सकते हैं या सेवा सहायकों से कम शुल्क पर सहायता ले सकते हैं. इससे निजी एजेंटों को मोटी फीस देने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

'कैलकुलेट माय फीस' पोर्टल: वित्तीय पारदर्शिता

'कैलकुलेट माय फीस' ऑनलाइन पोर्टल के जरिए लोग अपनी रजिस्ट्री से संबंधित सभी खर्चों का पहले से आकलन कर सकते हैं. यह पोर्टल सुनिश्चित करता है कि कोई छिपा हुआ खर्च या अतिरिक्त शुल्क न वसूला जाए. भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह व्यवस्था न केवल समय और धन की बचत करेगी, बल्कि नागरिकों को वित्तीय प्रबंधन में भी सशक्त बनाएगी.

भ्रष्टाचार पर सख्ती, पारदर्शिता पर जोर

इस प्रणाली में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. यदि कोई अधिकारी रजिस्ट्री प्रक्रिया में जानबूझकर देरी करता है या रिश्वत मांगता है, तो नागरिक व्हाट्सएप के जरिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं. ऐसी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी, और संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे. इसके अलावा, यदि दस्तावेजों में कोई कमी होगी, तो नागरिकों को पहले ही मोबाइल संदेश के जरिए सूचित कर दिया जाएगा. डिप्टी कमिश्नर और एसडीएम जैसे वरिष्ठ अधिकारी इन आपत्तियों की जांच करेंगे, ताकि रजिस्ट्री के दिन कोई परेशानी न हो.

'जित्थों चाहो, रजिस्ट्री करवाओ'

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस प्रणाली को 'जित्थों चाहो, रजिस्ट्री करवाओ' का नाम दिया है. यह नागरिकों को जिले के किसी भी सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से रजिस्ट्री करवाने की आजादी देता है. इसकी शुरुआत मोहाली से सफलतापूर्वक की गई है, और 15 जुलाई 2025 से इसे पूरे पंजाब में लागू किया जाएगा. 15 जुलाई से 1 अगस्त तक इस प्रणाली का ट्रायल सभी जिलों में होगा, और 1 अगस्त से यह पूरी तरह लागू हो जाएगी.

नागरिकों के लिए मानसिक शांति

इस प्रणाली को समय, धन, और ऊर्जा बचाने वाला कदम बताते हुए भगवंत सिंह मान और अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह नागरिकों को मानसिक शांति प्रदान करेगी. यह प्रणाली न केवल रजिस्ट्री प्रक्रिया को सुगम बनाएगी, बल्कि सरकारी सेवाओं में लोगों का भरोसा भी बढ़ाएगी. उन्होंने कहा कि तहसीलों में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं, लेकिन 'ईज़ी रजिस्ट्री' इस समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

पंजाब: एक रोल मॉडल

मुख्यमंत्री और आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि यह प्रणाली देश के किसी अन्य राज्य में उपलब्ध नहीं है. पंजाब इस अनूठी पहल के साथ अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल बनकर उभरा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह व्यवस्था भविष्य में अन्य राज्यों में भी लागू होगी. यह प्रणाली न केवल जन सुविधा को बढ़ाएगी, बल्कि डिजिटल शासन के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगी.

नागरिकों को सशक्त बनाने की दिशा में

'ईज़ी रजिस्ट्री' प्रणाली आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है और बिचौलियों पर निर्भरता को खत्म करती है. यह नागरिकों को सरकारी सिस्टम में सशक्त बनाती है, जिससे वे अपनी रजिस्ट्री प्रक्रिया को स्वयं नियंत्रित कर सकते हैं. ऑनलाइन भुगतान, डिजिटल दस्तावेज जांच, और पारदर्शी शिकायत निवारण तंत्र इस प्रणाली की रीढ़ हैं.