Umang Singhar Tribal Identity Controversy: मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने यह बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया कि 'आदिवासी हिंदू नहीं हैं', जिसकी सत्तारूढ़ भाजपा ने तीखी आलोचना की. गुरुवार को छिंदवाड़ा में आदिवासी विकास परिषद के एक कार्यक्रम में बोलते हुए सिंघार ने कहा, 'मैं गर्व से कहता हूं कि हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं. मैं यह बात कई सालों से कहता आ रहा हूँ. और वह शबरी ही थीं, जिन्होंने भगवान राम को बचा हुआ अन्न खिलाया था; वह भी आदिवासी थीं.'
मध्य प्रदेश के सबसे बड़े आदिवासी समूह भील समुदाय से चार बार के कांग्रेस विधायक ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाना नहीं था.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'हम किसी भी धर्म का अनादर नहीं करते. लेकिन हमारे समुदाय, हमारी परंपराओं, हमारी संस्कृति, हमारी विरासत को मान्यता मिलनी ही चाहिए." उन्होंने आगे कहा कि चाहे कोई भी पार्टी सत्ता में हो, आदिवासियों को सम्मान मिलना ही चाहिए.
VIDEO | Madhya Pradesh LoP Umang Singhar addresses the meeting and felicitation ceremony of the Madhya Pradesh Adivasi Vikas Parishad at the local District Congress office.
— Press Trust of India (@PTI_News) September 4, 2025
He says, “I say with pride that we are Adivasis, not Hindus. I have been saying this for many years. And… pic.twitter.com/f7MyQrEBiX
सिंघार की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस नेता और उनकी पार्टी से माफी मांगने को कहा. यादव ने एक वीडियो बयान में कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस हमेशा हिंदुओं और हिंदुत्व के खिलाफ काम करती है... उन्हें शर्म आनी चाहिए. अगर वे हिंदुत्व पर सवाल उठाएंगे तो जनता माफ नहीं करेगी. कांग्रेस नेताओं को माफी मांगनी चाहिए.'
कड़ी आलोचना का सामना करते हुए सिंघार ने भाजपा और उसके वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस पर आदिवासी पहचान को हिंदू धर्म के अंतर्गत समाहित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा, 'इस देश के मूल निवासी आदिवासी हैं... भाजपा या आरएसएस हमें प्रकृति की पूजा करने से क्यों रोकना चाहते हैं? हम किसी धर्म का अपमान नहीं कर रहे हैं. मैं भी हिंदू धर्म का सम्मान करता हूं. लेकिन जब आदिवासियों की बात आती है, तो भाजपा अपना एजेंडा लागू करना चाहती है.'
आदिवासी सशक्तिकरण के प्रति सत्तारूढ़ पार्टी की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाते हुए सिंघार ने पूछा कि किसी आदिवासी व्यक्ति को आरएसएस प्रमुख क्यों नहीं बनाया गया. उन्होंने आरोप लगाया, 'भाजपा आदिवासियों के वोट लेना चाहती है, लेकिन जब उनके धर्म, संस्कृति और समाज की बात आती है, तो वे आरोप लगाने लगते हैं. भाजपा और आरएसएस के लोग हमारी पहचान मिटाकर हमें हिंदू क्यों बनाना चाहते हैं?'
सिंघार एक प्रभावशाली भील नेता हैं, तथा उनका उस समुदाय पर प्रभाव है, जो राज्य की कुल जनजातीय आबादी का 39 प्रतिशत है. भारत की सबसे बड़ी आदिवासी आबादी वाला मध्य प्रदेश, पहचान की राजनीति का एक प्रमुख रणक्षेत्र है. 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में 1.53 करोड़ से ज़्यादा आदिवासी रहते हैं, जो इसकी कुल आबादी का लगभग 21 प्रतिशत है. 230 विधानसभा सीटों में से 47 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं.